गाजियाबाद: महागुनपुरम सोसायटी में दूषित पानी से 100 से अधिक लोग बीमार, पेट दर्द और उल्टी की शिकायतें बढ़ीं
गाजियाबाद की महागुनपुरम सोसायटी में दूषित पानी के कारण 100 से ज्यादा लोग बीमार हो गए हैं। निवासियों को पेट दर्द और उल्टी की शिकायतें हो रही हैं। इस घटना से सोसायटी में स्वास्थ्य संबंधी चिंता बढ़ गई है और लोग पानी की गुणवत्ता में सुधार की मांग कर रहे हैं।

प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। एनएच-9 स्थित महागुनपुरम सोसायटी में बृहस्पतिवार को दूषित पानी पीने से सौ से अधिक लोग बीमार हो गए। चार-पांच लोगों को नजदीकी प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। अधिकांश बच्चों, महिलाओं एवं पुरुषों को पेटदर्द और उल्टी की शिकायत हुई है। सूचना मिलने के बाद दोपहर को स्वास्थ्य विभाग की टीम सोसायटी में पहुंची। टीम ने पानी के सात नमूने लेकर जांच को भेज दिये है।
मोबाइल मेडिकल यूनिट को मौके पर भेजा
जिला सर्विलांस अधिकारी आरके गुप्ता का कहना है कि प्रारंभिक जांच में एसटीपी का गंदा पानी घरों में पहुंचने से लोगों की तबियत खराब हुई है। शिविर लगाकर विभाग ने देर शाम तक 54 बीमार लोगों का चिकित्सक को दिखाते हुए इलाज किया गया है। सभी को दवाएं वितरित की गईं हैं।सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने बताया कि महागुनपुरम सोसायटी से दूषित जल की आपूर्ति के कारण कुछ लोगों के उल्टी दस्त, पेट में दर्द आदि की शिकायत स्वास्थ्य विभाग को प्राप्त हुयी। तुरंत आरआरटी टीम एवं मोबाइल मेडिकल यूनिट को मौके पर भेजा गया।
टीम को स्थानीय निवासियों द्वारा बताया गया कि पिछले दो-तीन से सोसायटी के पानी में बदबू आ रही थी। साथ ही पानी पीने से लोगों को पेट में परेशानी हो रही थी जिसके चलते कुछ लोगों को इलाज को स्थानीय चिकित्सक के पास जाना पड़ा। महागनुपुरम सोसायटी में कुल मिलाकर 11 टावर है जिसमें वर्तमान में 1575 फ्लैटों में करीब 7100 लोग रह रहे है। सोसायटी के सभी 11 टावरों में रहने वाले लोगों से जानकारी एकत्रित करने पर पता चला की भागीरथी टावर में सबसे अधिक लोग बीमार हुए हैं।
बेसमेन्ट में गंदा पानी हो जाता है एकत्र
सोसायटी के क्लब हाउस में मैडिकल कैम्प का लगाकर देर शाम तक कैम्प में 54 मरीज पेट दर्द, उल्टी, बुखार एवं डायरिया आदि से सम्बन्धित लोगों का इलाज किया गया। सोसायटी में किसी भी प्रकार का डोजर सिस्टम नहीं लगा है। स्थानीय निवसियों के अनुसार सोसायटी का एसटीपी का सिस्टम सही काम नहीं कर रहा है। इस वजह से बेसमेन्ट में गन्दा पानी एकत्र हो जाता है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई कार्रवाई
- सोसायटी के विभिन्न स्थानों से पानी के सात नमूने लेकर जांच को भेज दिये गये है।
- सभी मरीजों को ओआरएस एवं क्लोरीन की टैबलेट दी गयी।
- लोगों को सुरक्षित पेयजल के लिये पीने के पानी को उबाल कर ठंडा करके पीने को जागरूक किया गया।
- उक्त क्षेत्र में जनमानस को विभिन्न जल जनित रोगों से बचाव हेतु स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान की गयी।
20 मार्च 2021 को भी दूषित पानी पीने से बीमार हुए थे सैकड़ों लोग
इसी सोसायटी में 20 मार्च 2021 को भी दूषित पानी पीने से सैकड़ों लोग बीमार हुए थे। सूचना पर पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम को नागरिकों ने बंधक बना लिया था। स्थानीय निवासी स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन को फोन मिलाते रहे लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई थी। मामला मंडलायुक्त तक पहुंचा तो सरकारी मशीनरी महागुनपुरम की तरफ दौड़ पड़ी थी। पानी के सैंपल लेने और दस-बीस बच्चों को दवा देने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम वहां से चलने लगी तो एओए के पदाधिकारियों एवं अफसरों के बीच नोक-झोंक हो गई। नागरिकों ने एसीएमओ और डीएमओ को बंधक बना लिया था। दोनों अफसर पीछे के गेट से भाग गए लेकिन उनकी टीम वहीं रह गई थी।
"सौ से अधिक लोगों की तबीयत खराब होने की शिकायत पर जांच की गई है। डोजर लगाने के निर्देश दिये गये हैं। पानी के सात सैंपल लेकर जांच को भेज दिए गए है। रिपोर्ट शनिवार को आने पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।"
-डाॅ. आरके गुप्ता, जिला सर्विलांस अधिकारी
1 अप्रैल 2021 को हुई पानी की क्लोरीनेशन की जांच का विवरण
टावर मकान नंबर जांच रिपोर्ट
पंप | टैंक | ऋणात्मक |
गंगा | 151 | ऋणात्मक |
सरस्वती | 036 | ऋणात्मक |
सिद्धि | 019 | ऋणात्मक |
विनायक | 026 | ऋणात्मक |
भगीरथी | 048 | ऋणात्मक |
गायत्री | 065 | ऋणात्मक |
"महागुनपुरम में दूषित पानी पीने से लोगों के बीमार होने की शिकायत मिलने पर तुरंत टीम भेजकर शिविर लगाया गया। पानी के नमूने लेकर जांच को भेज दिये गये हैं।"
-डाॅ. अखिलेश मोहन, सीएमओ
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