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    पानी बचाने में गाजियाबाद निगम को मिला देश में पांचवां स्थान, महापौर और नगर आयुक्त का हुआ सम्मान

    Updated: Wed, 19 Nov 2025 11:51 AM (IST)

    गाजियाबाद नगर निगम को पानी बचाने के प्रयासों के लिए देश में पांचवां स्थान मिला है। जल संरक्षण के उत्कृष्ट कार्यों के लिए महापौर और नगर आयुक्त को सम्मानित किया गया। यह उपलब्धि अन्य शहरों को भी जल संरक्षण के लिए प्रेरित करेगी। गाजियाबाद की इस सफलता से जल संरक्षण के महत्व को बल मिलता है।

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    गाजियाबाद नगर निगम का उत्तर प्रदेश में दूसरा तथा भारत में पांचवा स्थान आने पर पुरस्कृत होती महापौर सुनीता दयाल व नगर आयुक्त। 

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। जल संचय, जन भागीदारी में गाजियाबाद नगर निगम का उत्तर प्रदेश में दूसरा तथा भारत में पांचवां स्थान मिलने पर मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति में महापौर सुनीता दयाल और नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक को दो करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि देकर सम्मानित किया किया। नगर निगम को यह सम्मान पानी बचाने के लिए लोगों को जागरूक करने और खुद भी पानी बचाने में अहम योगदान देने के लिए मिला।

    नगर निगम के जलकल विभाग द्वारा जल संचयन के लिए 11406 वर्षा जल संचय संयंत्र स्थापित करने के साथ-साथ तालाबों का भी जीर्णोद्धार किया गया है। भूगर्भ जल स्तर को बढ़ाने के लिए पार्कों में जल संचय संयंत्र लगवाए गए हैं। निगम 140 तालाब को व्यवस्थित कर रहा है। जल शक्ति मंत्रालय द्वारा गाजियाबाद निगम को भारत में पांचवां तथा उत्तर प्रदेश में दूसरा स्थान दिया।

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    इस संबंध में विज्ञान भवन दिल्ली में भव्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उपस्थित रहीं। जल शक्ति मंत्रालय से केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल के द्वारा महापौर सुनीता दयाल तथा नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक को प्रशस्ति पत्र भेंट किया गया। गाजियाबाद नगर निगम द्वारा किए जा रहे जल संचय जन भागीदारी के कार्यों की सहाना की गई।

    कार्यक्रम में महाप्रबंधक जल कामाख्या प्रसाद आनंद तथा अधिशासी अभियंता जल आस कुमार भी उपस्थित रहे। महापौर सुनीता दयाल ने कहा कि नगर निगम लगातार शहर हित में कार्य करने के साथ-साथ अपनी एक पहचान विश्व स्तर पर भी बना रहा है।

    जलकल विभाग द्वारा जन सहभागिता से शहर लोगों को भी जल संचय के प्रति जागरूक किया गया है। नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने कहा कि वर्षा जल बचाना उनकी प्राथमिकता में है। नगर निगम द्वारा एसटीपी के पानी को पीने योग्य बनाकर उसका प्रयोग फैक्ट्रियों में किया जा रहा है। इससे भूजल की गिरावट में कमी आई है।