Ghaziabad AQI: कागजी योजनाएं, लापरवाह 'सिस्टम' से हवा जहरीली; 4 दिन से देश में सबसे प्रदूषित शहर गाजियाबाद
गाजियाबाद पिछले चार दिनों से देश का सबसे प्रदूषित शहर है, जहां कागजी योजनाओं और लापरवाह सिस्टम के कारण हवा जहरीली हो गई है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की लापरवाही और अन्य विभागों की उदासीनता के चलते वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 'गंभीर' श्रेणी में बना हुआ है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है।
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जहरीली हवा से बचने के लिए मुंह ढककर जाती हुई महिला। फाइल फोटो- जागरण
राहुल कुमार, साहिबाबाद। प्रदूषण रोकथाम के लिए जिम्मेदार 'सिस्टम' लापरवाह बना हुआ है। इसकी गवाही बीते चार दिन से देश में सबसे प्रदूषित और सात दिन से गंभीर श्रेणी में बनी जिले की हवा दे रही है। अगर सभी 20 से अधिक जिम्मेदार विभाग कागजी योजना बनाने के बजाय अपनी-अपनी जिम्मेदारी निभाते तो शायद ये स्थिति उत्पन्न नहीं होती।
अधिकारियों की कार्यशैली पर जिले की जनता लगातार सवाल खड़े कर रही है। ग्रेप-तीन की पाबंदियां लगी हुई हैं, लेकिन वह भी रोजाना धूल और धुएं के कण बनकर वायुमंडल में उड़ रही हैं। यही कारण है कि जिले के लोगों इस वर्ष महज छह दिन साफ हवा मिल सकी है।
अंतिम दिन दो सितंबर को साफ हवा मिली थी। एक्यूआइ 48 दर्ज किया गया था। साफ हवा से अधिक दिन यानी बीते सात दिन से हवा गंभीर श्रेणी में बनी है। इस वर्ष का अधिकतम एक्यूआइ 434 तक पहुंच चुका है। अब लाचार सिस्टम हवा की गति बढ़ने व वर्षा होने पर प्रदूषण कम होने की उम्मीद लगाए बैठा है। पेश है साहिबाबाद से राहुल कुमार की रिपोर्ट...
मुख्य रूप से इन विभागों को दी गईं ये जिम्मेदारी
- यूपीपीसीबी : योजना बनाकर प्रदूषण रोकना।
- नगर निगम : पानी का छिड़काव करना।
- परिवहन विभाग : उम्र पूरी कर चुके वाहनों पर कार्रवाई।
- कृषि विभाग : फसल अवशेष जलाने से रोकना।
- शिक्षा विभाग : स्कूलों में बच्चों को जागरूक करना।
- खाद्य विभाग : भोजनालयों में कोयला व लकड़ी को जलाने से रोकना।
- राजस्व विभाग : पटाखों की बिक्री व जलाने से रोकने के लिए जागरूक करना।
- स्वास्थ्य विभाग : वायु प्रदूषण से नुकसानों के प्रति जागरूक करना।
- पीडब्ल्यूडी : मशीन से सड़काें की सफाई व पानी का छिड़काव।
- दमकल विभाग : आग की घटना रोकना व अति प्रदूषित क्षेत्र में पानी का छिड़काव।
- पीवीवीएनएल : निर्बाध विद्युत आपूर्ति करना।
आठ हॉट स्पॉट चिह्नित लेकर कार्रवाई दूर तक नहीं
जिले में मोहननगर, राजनगर एक्सटेंशन, लोनी, दिल्ली-भोपुरा बार्डर, सिद्धार्थ विहार, कनावनी पुस्ता रोड, विजय नगर एंड साउथ साइड जीटी रोड और लालकुआं को हॉटस्पॉट (सबसे प्रदूषित क्षेत्र) के रूप में चिह्नित किया गया है।यहां प्रदूषण के कारकों को खत्म करना तो दूर की बात जरूरत के हिसाब से पानी का छिड़काव तक नहीं हो पा रहा है।
पांच एसोसिएट प्रोफेसरों को दी गई जिम्मेदारी, रिपोर्ट का इंतजार
जिले के अधिक प्रदूषण इलाकों में प्रदूषण के कारक उनका अनुपात पता लगाने के लिए पांच एसोसिएट प्रोफेसरों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन्हें मौके का निरीक्षण कर पता लगाना था। मुख्यालय को अभी तक ये रिपोर्ट भी नहीं भेजी गई है।
ग्रेप के नियमों का उल्लंघन करने पर कब-कब हुई कार्रवाई
- 21 नवंबर को एक आरएमसी प्लांट सील।
- 12 नवंबर को आठ आरएमसी प्लांट सील।
- 15 नवंबर को पांच आरएमसी प्लांट सील।
- दो नवंबर को लोनी क्षेत्र की 10 फैक्ट्रियों पर कार्रवाई के लिए भेजी रिपोर्ट।
16 नवंबर से गंभीर श्रेणी में एक्यूआई, कब कितना रहा
| दिनांक | एक्यूआई |
|---|---|
| 22 नवंबर | 434 |
| 21 नवंबर | 422 |
| 20 नवंबर | 430 |
| 19 नवंबर | 422 |
| 18 नवंबर | 434 |
| 17 नवंबर | 401 |
| 16 नवंबर | 419 |
जिले को कब-कब मिली साफ हवा, कितना रहा एक्यूआई
| दिनांक | एक्यूआई |
|---|---|
| 14 जुलाई | 40 |
| 15 जुलाई | 41 |
| 31 जुलाई | 47 |
| 26 अगस्त | 44 |
| एक सितंबर | 48 |
| दो सितंबर | 48 |
शनिवार को रही एक्यूआई की स्थिति
| स्टेशन | एक्यूआई |
|---|---|
| गाजियाबाद | 434 |
| इंदिरापुरम | 417 |
| लोनी | 462 |
| संजय नगर | 423 |
| वसुंधरा | बंद |
सभी विभागों से समन्वय कर कार्रवाई की जा रही है। जिला प्रशासन अपने स्तर से निगरानी कर रहा है। ग्रेप के नियमों का पालन कराने के लिए पांच टीमें लगी हुई हैं। एसोसिएट प्रोफेसर वाली रिपोर्ट जल्द आ जाएगी।
-अंकित सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, यूपीपीसीबी

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