गाजियाबाद के शख्स ने राष्ट्रपति और CJI से मांगी इच्छा मृत्यु, बदहाल नाले के कायाकल्प की उठाई मांग
साहिबाबाद के डेल्टा कॉलोनी के बृज विहार में बदहाल नाले के कायाकल्प के लिए हेमंत भारद्वाज नामक एक स्थानीय निवासी ने नाले में घुसकर राष्ट्रपति और सीजेआई ...और पढ़ें

हेमंत भारद्वाज ने रविवार को नाले में घुसकर राष्ट्रपति व सीजेआई से इच्छामृत्यु की मांग की।
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। डेल्टा कॉलोनी के बृज विहार के बदहाल नाले के कायाकल्प के लिए स्थानीय निवासी हेमंत भारद्वाज ने रविवार को नाले में घुसकर राष्ट्रपति व सीजेआई से इच्छामृत्यु की मांग की। उनका कहना है कि नगर निगम के अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के नाले की बदहाली नजर नहीं आ रही है। इसीलिए सर्दी में नाले में घुसकर कायाकल्प कराने की मांग की है।
उनका कहना है कि नाले से निकलने वालीं तमाम गैस स्थानीय लोगों को शारीरिक व आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचा रही हैं। इससे यहां की करीब 1.50 लाख की आबादी परेशान है। करीब 26 वर्ष पहले यह नाला केवल बरसाती नाला था। अब नाले की स्थिति यह कि साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र साइट-चार व अन्य औद्योगिक क्षेत्र व अस्पतालों से निकलने वाला मेडिकल वेस्ट भी नाले में ही डाला जाता है।
वर्षा होने पर नाला ओवरफ्लो होने से गंदा पानी कॉलोनी के बी व सी-ब्लाक के घरों में घुस जाता है। ग्राउंड फ्लोर वालों को सबसे ज्यादा परेशानी होती उनका आरोप है कि एच, आइ व जे ब्लाक से रेलवे पुलिया तक पेड़ कटवाकर नाले की चौड़ाई करीब 36 फीट करा दी गई थी।
चौड़े स्थान पर नाले का पानी वापस आकर लोगों के घरों में घुस जाता है। इससे लोगों को राहत मिलने के बजाय परेशानी और बढ़ गई थी। वहीं, नगर निगम के नगर स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि नाले की सफाई की जाती है। यहां का ज्यादातर पानी एसटीपी में ट्रीट कर औद्योगिक इकाइयों में सप्लाई किया जा रहा है।
नाले से निकलती हैं जहरीली गैस
उनका कहना है कि नाले से विभिन्न जहरीली गैस निकलती हैं। इससे डेल्टा कालोनी के लोगों के इलेक्ट्रानिक उपकरण भी खराब हो जाते हैं। क्योंकि इसमें सल्फर, अमोनिया समेत कई गैस ऐसी हैं जो इन्हें नुकसान पहुंचाती हैं। इलेक्ट्रानिक उपकरणों की पीसीबी पर कार्बन जम जाता है।

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