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    गाजियाबाद में संयुक्त निदेशक के निरीक्षण में खुली डॉक्टरों की पोल, एडवांस में लगाई जा रही है हाजिरी

    Updated: Thu, 04 Dec 2025 09:28 AM (IST)

    गाजियाबाद में संयुक्त निदेशक के निरीक्षण में डॉक्टरों की लापरवाही उजागर हुई। कई डॉक्टर समय से पहले हाजिरी लगाकर गायब थे, और कुछ एडवांस में हाजिरी लगा ...और पढ़ें

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    पीएचसी भोजपुर में निरीक्षण करते संयुक्त निदेशक डॉ. अशोक तालियांन। सौ. स्वास्थ्य विभाग

    जागरण संवाददाता,गाजियाबाद। स्वास्थ्य विभाग में तैनात चिकित्सक मनमानी कर रहे हैं। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मेरठ मंडल के संयुक्त निदेशक डा. अशोक कुमार तालियान द्वारा किए गए औचक निरीक्षण में इसका पता चला है। संयुक्त निदेशक द्वारा सीएमओ गाजियाबाद को भेजी गई निरीक्षण रिपोर्ट में बताया गया है कि 23 नवंबर को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भोजपुर का सुबह 10:50 बजे निरीक्षण किया गया।

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    इस दौरान पीएचसी के प्रभारी डा. रवि शर्मा तो मौजूद मिले लेकिन रोस्टर के अनुसार जिस चिकित्सक की इमरजेंसी ड्यूटी थी वह गायब मिले। इमरजेंसी ड्यूटी डा. विवेक गोविन्द राव की थी लेकिन ड्यूटी पर उपस्थित न होने पर पूछताछ की गई। अवगत कराया गया कि सीएचसी मोदीनगर में आरोग्य मेले में ड्यूटी पर गये हैं। मोबाइल फोन से सीएचसी मोदीनगर पर पता कराने पर भी उक्त चिकित्सक वहां मौजूद नहीं मिले।

    इतना ही नहीं उपस्थिति पंजिका देखने पर पाया गया कि उक्त चिकित्सक द्वारा 24 नवंबर की उपस्थिति भी रजिस्टर में एडवांस में अंकित कर रखी थी। यह बेहद लापरवाही एवं सेवा नियमावली के खिलाफ है।बीसीपीएम मुकेश कुमार बिना अवकाश स्वीकृत कराये दो नवंबर से अनुपस्थिति पाये गये। निरीक्षण रिपोर्ट मिलने के बाद सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन ने इमरजेंसी ड्यूटी से गायब मिले चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी तेज कर दी है। पीएचसी प्रभारी से तीन दिन के भीतर इस संबंध में आख्या मांगी हैं।

    निरीक्षण में अनुपस्थित मिलने वालों का विवरण

    डॉ.विवेक गोविन्द राव,डॉ. दीपक त्यागी,एसटीएलएस रविन्द्र कुमार,एसटीएस विपिन कुमार,लैब टेक्नीशिन सचिन कुमार और शाइस्ता खान,टीबीएचवी अहसान अली, बीसीपीएम मुकेश कुमार। 

    निरीक्षण मिली खामियां

    केवल आठ मरीजों का उपचार किया गया था। इनमें छह मरीज प्रसव के थे। प्रसव वार्ड में साफ सफाई की व्यवस्था उचित नहीं मिली। एएनएम मोना,रितु और अनीता उपस्थिति मिलीं लेकिन निरीक्षण के दौरान कोई भी टीकाकरण नहीं हुआ था। मुख्यमंत्री आरोग्य मेले के संबंध में कोई भी प्रचार सामग्री प्रदर्शित नहीं पायी गई।