गाजियाबाद में सड़क पर जिंदगी की डोर काट रहे 'अवैध कट', इस साल सड़क हादसों में 328 लोगों की गई जान
गाजियाबाद में अवैध कटों के चलते सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं, जिनमें इस साल 328 लोगों की जान जा चुकी है। शहर में कई स्थानों पर बने ये अवैध कट दुर्घटनाओं का मुख्य कारण हैं, और प्रशासन की लापरवाही के कारण इन्हें बंद नहीं किया जा रहा है। सड़क सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं, और लोगों ने प्रशासन से जल्द कार्रवाई की मांग की है।
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बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र के पास जीटी रोड पर अवैध कट से निकलता बाइक सवार। जागरण
हसीन शाह, गाजियाबाद। जीटी रोड, दिल्ली वजीराबाद रोड, हापुड़ रोड, लिंक रोड पर बने अवैध कट हादसों का खतरा बने हुए हैं। जीटी रोड पर सबसे अधिक अवैध कट हैं। अवैध कट लोगों को थोड़ी सुविधा तो देते हैं लेकिन सुरक्षा के लिहाज़ से ये बहुत खतरनाक हैं। इससे गंभीर हादसों की संभावना बनी रहती है। पूर्व में कई बार अवैध कटों पर हादसे हुए हैं।
जीटी रोड पर जगह-जगह 15 से अधिक अवैध कट हैं। जिसकी वजह से लगातार हादसा होने की आशंका बनी हुई हैं। इन अवैध कट का इस्तेमाल सबसे जयादा दो पहिया वाहन चालक और पैदल यात्री करते हैं। जीटी रोड पर तेज गति से चलने वाले वाहन चालकों को अवैध कट से अचानक निकल रहे लोग दिखाई नहीं देते हैं। ऐसे में हादसा हो हो जाता है।
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दौलतपुरा आरओबी के पास जीटी रोड पर अवैध कट से निकलता बाइक सवार। जागरण
इन कटों पर विपरीत दिशा में वाहन निकलते हैं। ट्रांसपोर्ट नगर के सामने मेट्रो स्ट्रक्चर निर्माण के दौरान कई अवैध कट बंद किए गए थे। इससे अवैध कटों की संख्या ज्यादा कम नहीं हुई है। साहिबाबाद थाने के सामने व एलआर कालेज के सामने बना अवैध कट खतरनाक है। अवैध कट के कारण यहां पूर्व में कई बार हादसे हो चुके हैं।
पाइप मार्केट के पास बना अवैध कट से बड़ी संख्या में भारी वाहन विपरीत दिशा में गुजरते हैं। यहां काफी संख्या में ट्रांसपोर्ट कंपनियां है। जीटी रोड के पास भारी वाहनों की पार्किंग बनी हुई हैं। ये भारी वाहन चालक यूटर्न अधिक दूरी पर होने के कारण चालक विपरीत दिशा में अवैध कट से सड़क पार करते हैं। शहीद नगर मेट्रो स्टेशन के पास बना अवैध कट पर पूर्व में कई बार हादसे हो चुके हैं। हादसा होने के बाद भी अवैध कट को बंद नहीं कराया गया।
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जीटी रोड पर अवैध कट से निकलता बाइक सवार। जागरण
राजबाग पेट्रोल पंप के पास दो अवैध कट बने हैं। इनमें एक कट को ट्रैफिक पुलिस ने बैरियर लगाकर बंद कर दिया है। हालांकि लोग कभी भी बैरियर खुद ही हटा देते हैं। अवैध रूप इस कट से वाहन निकालते हैं। दूसरे कट को बंद नहीं किया गया है। शालीमार गार्डन की ओर जान जाने वाले लोग इस अवैध कट से होकर निकलते हैं। अर्थला के पास पूर्व में अवैध कट बना था जिसे बंद कर दिया गया है। इससे यहां हादसे की संभावना खत्म हो गई है।
जीटी रोड पर घंटाघर के सामने अवैध कट बना है। इस कट को ट्रैफिक पुलिस बैरियर लगाकर बंद कर देती है लेकिन पुलिस की अनदेखी होने पर लोग इसे फिर से खोल दे हैं। रमते राम रोड के पास भी एक अवैध कट बना है। यहां पूर्व में कई बार दो पहिया वाहन चालक हादसे का शिकार हो चुके हैं। जीटी रोड पर ही दौलतपुरा आरओबी के पास दो अवैध कट हैं। इन कटों पर सबसे अधिक हादसे होते हैं।
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नया गाजियाबाद रेलवे रोड पर अवैध कट से निकलता बाइक सवार। जागरण
पूर्व में कई बार पीडब्ल्यूडी ने जीटी रोड के अवैध कटों को बंद करने की योजना बनाई लेकिन स्थानीय लोगों ने इसका विरोध कर दिया। जीटी रोड पर बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र, आनंद औद्योगिक क्षेत्र, राजेंद्र नगर औद्योगिक क्षेत्र, बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र हैं। जिस वजह से इस रोड पर भारी वाहन अधिक संख्या में चलते हैं। रात में इस रोड पर 100 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक गति से वाहन चलते हैं।
दिन में जाम और रात में हादसे
पूर्व में एनएच 58 पर भी बड़ी संख्या में अवैध कट बने थे। एनएच 58 पर नमो भारत ट्रेन का स्ट्रक्चर बनाने के दौरान अवैध कटों को बंद कर दिया था। एनएच 58 पर अब अवैध कट नहीं है। दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे, एनएच नौ और पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर भी अवैध कट नहीं है। जीटी रोड पर सबसे अधिक अवैध कट हैं।
जीटी रोड पर कई अवैध कट पर दिन में जाम लग जाता है। रात में जाम नहीं होने पर वाहनों की गति तेज हो जाती है। ऐसे में हादसे का खतरा बढ़ जाता है। लिंक रेड और डा. बर्मन रोड पर भी कई अवैध कट बने हैं। दिल्ली वजीराबाद, सिटी फोरेस्ट रोड, राजनगर एक्सटेंशन रोड और राजनगर रेलवे लाइन रोड पर भी अवैध कट बने हैं। इन कटों को बंद कराने के लिए कोई पहल नहीं की गई।
चार साल में हुए सड़क हादसे
| वर्ष | सड़क हादसे | मृत्यु | घायल |
|---|---|---|---|
| 2022 | 886 | 363 | 638 |
| 2023 | 991 | 365 | 704 |
| 2024 | 996 | 381 | 781 |
| 2025 | 913 | 328 | 712 |
नोट-आंकड़े एक जनवरी 2022 से 31 अक्टूबर 2025 की अवधि के हैं।
अवैध कटों को बंद करने के लिए स्थानीय लोगों की सहमति से ट्रैफिक पुलिस रिपोर्ट देती है। यदि लोगों की शिकायत मिलने पर ट्रैफिक पुलिस रिपोर्ट देती है तो संबंधित कट को बंद करा दिया जाएगा। ट्रैफिक पुलिस की रिपोर्ट के बिना कट बंद नहीं करा सकते हैं।
- रामराजा, अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी

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