गाजियाबाद में हाउस टैक्स के विरोध में बाजारों में लगने लगे पोस्टर, कठघरे में शहर की सरकार
गाजियाबाद में हाउस टैक्स की दरों में वृद्धि के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। दुकानों पर पोस्टर लगाए जा रहे हैं और नगर निगम से सवाल पूछे जा रहे हैं। जनप्रतिनिधियों से निर्णायक कदम उठाने की मांग की जा रही है। व्यापारियों ने भी इस मुद्दे पर विरोध जताया है और जल्द समाधान की मांग की है, अन्यथा ब्याज सहित टैक्स देना होगा।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। हाउस टैक्स की दर में बढ़ोत्तरी के विरोध में अब दुकानों के बाहर पर्चे और पाेस्टर चस्पा किए जाने शुरू कर दिए गए हैं। इससे शहर की सरकार कठघरे में खड़ी हो रही है। लोग सवाल पूछ रहे हैं कि जब उन्होंने शहर की सरकार कहे जाने वाले नगर निगम के सदन में ज्यादातर पार्षदों के साथ महापौर भी भाजपा के ही प्रत्याशी को चुना है, इसके बावजूद हाउस टैक्स की दर कम नहीं करा पा रहे हैं।
सिर्फ महापौर, पार्षद ही नहीं भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतने वाले नगर निगम सदन के पदेन सदस्य जिले के सांसद , साहिबाबाद, मुरादनगर, शहर विधायक से भी लोग सवाल कर रहे हैं कि वह जुबानी विरोध करने के अलावा इसे मुद्दे को निर्णायक मोड़ पर क्यों नहीं लेकर जा रहे हैं।
नगर निगम द्वारा पहले हाउस टैक्स की दर में 10 प्रतिशत के हिसाब से वृद्धि की जाती थी लेकिन अब डीएम सर्किल रेट को आधार मानकर हाउस टैक्स की दर में वृद्धि की गई है। इससे हाउस टैक्स की दरों में चार गुना तक वृद्धि हो गई है, लोगों की जेब पर भार बढ़ा है। इसलिए लोग हाउस टैक्स की बढ़ी हुई दर का विरोध कर रहे हैं और पूर्व पार्षद राजेंद्र त्यागी, हिमांशु मित्तल ने इस मामले में हाई कोर्ट में याचिका भी दाखिल की है।
खुद नगर निगम की महापौर का दावा है कि सदन में बैठक बुलाकर हाउस टैक्स की दर में वृद्धि के प्रस्ताव को खारिज किया जा चुका है। इसके बावजूद अब तक हाउस टैक्स की दर कम नहीं की गई है। लोगों को बढ़ी हुई दर के हिसाब से ही हाउस टैक्स जमा करना पड़ रहा है। इसके विरोध में महानगर उद्योग व्यापार मंडल ने महानगर की समस्त इकाइयों को बाजारों के अंदर दुकानों के बाहर हाउस टैक्स की बढ़ी हुई दर के विरोध में पोस्टर और पर्चे लगवाने के लिए कहा है।
हाउस टैक्स की दर में वृद्धि को नगर निगम की तानाशाही करार दिया गया है। गांधी नगर में दुकानदारों ने कुछ दुकानों के बाहर पोस्टर और पर्चे लगाने शुरू कर दिए हैं। आने वाले दिनों में शहर के सभी बाजारों में इस तरह के पोस्टर दुकानों के बाहर लगे दिख सकते हैं। लोगों का कहना है यदि जल्द ही कोई निर्णय नहीं लिया गया तो बाद में तय समय पर हाउस टैक्स जमा न करने वालों को बढ़े हुए हाउस टैक्स के साथ ब्याज भी देना होगा।
हाउस टैक्स की दर में की गई वृद्धि के विरोध में शहर के लोग और व्यापारी हैं। हम लोकतांत्रिक तरीके से अपना विरोध जता रहे हैं। जिले के जनप्रतिनिधियों से भी हमारा सवाल है कि वो इस मामले में ठोस कदम क्यों नहीं उठा रहे हैं। उनको इस मामले में आगे बढ़ना चाहिए।
- अशोक चावला, महामंत्री, महानगर उद्योग व्यापार मंडल
हाउस टैक्स की दर में वृद्धि गलत है, हम इसका विरोध करते हैं। पर्चे मिलने पर तुराब नगर में दुकानों के बाहर भी हाउस टैक्स की बढ़ी हुई दर के विरोध में पोस्टर और पर्चे लगाए जाएंगे।
- रजनीश बंसल, चेयरमैन, तुराब नगर व्यापार मंडल
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