स्वास्थ्य सेवाएं देखने अचानक गाजियाबाद के अस्पताल पहुंचे अधिकारी, रेड बेंड के बारे में नहीं बता पाईं कर्मी
गाजियाबाद में अधिकारियों ने अचानक अस्पताल का दौरा करके स्वास्थ्य सेवाओं का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान, कर्मचारियों को रेड बेंड के बारे में जानकारी नहीं थी, जिस पर अधिकारियों ने नाराजगी व्यक्त की और व्यवस्था में सुधार के निर्देश दिए।
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संयुक्त जिला अस्पताल की इमरजेंसी में निरीक्षण करती कायाकल्प की टीम। जागरण
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। कायाकल्प अवार्ड के लिये गाजियाबाद के दो अस्पतालों समेत प्रदेश के 60 अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं का मूल्यांकन शुरू हो गया है। इसको लेकर एनएचएम निदेशक डॉ. पिंकी जोवल ने 180 अधिकारियों की ड्यूटी लगाई है।
इसी के तहत संजयनगर स्थित जिला संयुक्त अस्पताल में तीन सदस्यीय अधिकारियों की टीम बुधवार को स्वास्थ्य सेवाओं का बिंदुवार मूल्यांकन करने पहुंची। टीम में डॉ. केके शर्मा, डॉ. प्रियंका पाराशर और डॉ. हितेन्द्र शामिल रहे। सबसे पहले टीम ने अस्पताल के गेट पर बने शव ग्रह को देखा। यहां पर बायोमेडिकल वेस्ट के बारे में जानकारी हासिल की।
पास में पड़े कूडे के बारे में भी पूछा। इसके बाद टीम इमरजेंसी में पहुंची। वार्ड देखने के बाद इमरजेंसी में रखे ऑक्सीजन सिलेंडर का स्टाक रजिस्ट चेक किया। इस दौरान रेड जोन में रेड बेंड के बारे में स्वास्थ्यकर्मियों से पूछताछ की। वहां मौजूद एक स्वास्थ्यकर्मी ने हिम्मत करके बताया कि जिस मरीज की हालत ज्यादा खराब होती है उसके हाथ में रेड बेंड बांधा जाता है।
इसका मतलब यह है कि इस मरीज को तुरंत प्राथमिक उपचार की जरूरत। येलो बेंड वाले मरीज को कुछ देर होल्ड किया जा सकता है और ग्रीन बेंड वाले मरीज को एक-दो घंटे तक होल्ड किया जा सकता है। टीम के सदस्य ने जैसे ही तीनों बेंड दिखाने को कहा तो वहां नहीं मिले। टीम ने निर्देश दिये कि इमरजेंसी में उपचार के लिए बेंड सिस्टम को लागू करना बहुत जरूरी है।
कई बार इमरजेंसी में एक साथ अनेक मरीज पहुंच जाते हैं। इसके बाद टीम ने ट्रामा सेंटर के छोटे ऑपरेशन थियेटर, डिजिटल एक्स-रे सेंटर, ओपीडी, दवा काउंटर, वार्ड, ऑपरेशन थियेटर,डेंटल ओपीडी, पैथालाजी लैब, अल्ट्रासाउंड सेंटर, सीटी स्कैन सेंटर,एआरवी सेंटर और नीकू वार्ड में पहुंचकर साफ सफाई के अलावा मरीजों को दी जा रहीं स्वास्थ्य सेवाओं का मूल्यांकन किया।
इस मौके पर सीएमएस डॉ. संजय गुप्ता,डा. योगेन्द्र कुमार और फार्मासिस्ट कमल धामा मौजूद रहे। यह मूल्यांकन कायाकल्प योजना के तहत वित्त वर्ष 2025-26 के लिये किया जा रहा है। मूल्यांकन के आधार पर अस्पताल को अंक दिये जाते हैं। अंकों के आधार पर प्रदेश स्तर से कायाकल्प अवार्ड की घोषणा की जाएगी।
यह मूल्यांकन अस्पताल में साफ सफाई दुरस्त रखने, मरीजों के साथ मधुर व्यवहार करने, दवाई वितरण में सावधानी बरतने, बाहर की जांच एवं दवाई न लिखने, मरीजों के लिए पीने के पानी का इंतजाम करने, बैठने का इंतजाम करने और मेडिकल उपकरणों का सही प्रकार से रखरखाव करने जैसे बिंदुओं पर किया जा रहा है। इसके बाद जिला एमएमजी अस्पताल का राउंड होना है।

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