गाजियाबाद में सेहत संवारने को मिले 137 करोड़, छह महीने में खर्च हुए मात्र 25 करोड़ रुपये
गाजियाबाद को स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए 137 करोड़ रुपये मिले, पर छह महीने में केवल 25 करोड़ रुपये ही खर्च हो पाए। आवंटित धन का बड़ा हिस्सा इस्तेमाल नहीं हुआ, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की गति धीमी है। धन के उपयोग में कमी स्वास्थ्य विभाग के कार्यान्वयन में सुस्ती को दिखाती है।
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मदन पांचाल, गाजियाबाद। जिले की स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतर सुधार को लेकर शासन स्तर से तिजोरी खोली गई है। चालू वित्त वर्ष के लिए कुल 137 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है। यूं तो हर साल भारी भरकम बजट आवंटित होता है, लेकिन चालू वित्त वर्ष में खर्च करने के नाम पर अधिकारी असमंजस में है।
जिले के अधिकारी इस तिजोरी का ताला धीमी गति से खोल रहे हैं। आलम यह है कि सितंबर माह तक अधिकारियों की कंजूसी के चलते आवंटित बजट 137 करोड़ के सापेक्ष केवल 25 करोड़ ही खर्च हुआ है। यह स्थिति तब है जबकि जिले के सरकारी अस्पतालों से लेकर आयुष्मान आरोग्य मंदिर तक में मेडिकल संसाधनों का टोटा है। सीएचसी डासना समेत कई जगह अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं है।
अत्याधुनिक मेडिकल सुविधाओं से लैस आइसीयू जिले में कहीं भी नहीं है। जिला स्वास्थ्य समिति के समक्ष रखे गये व्यय संबंधित विवरण के अनुसार कुल एलोकेटिड बजट 137 करोड़ 15 लाख के सापेक्ष 25 करोड़ 86 लाख ही व्यय किया गया है। व्यय प्रतिशत केवल 42 है। सबसे कम अर्बन पीएचसी का बजट 20 प्रतिशत ही खर्च किया गया है। इसके बाद सीएमओ कार्यालय द्वारा केवल 41 प्रतिशत बजट खर्च किया गया है।
| यूनिट | आवंटित बजट (लाख में) | व्यय (लाख में) | प्रतिशत |
|---|---|---|---|
| लोनी | 35,348,512 | 5,742,315 | 57.42 |
| मुरादनगर | 36,894,082 | 5,465,225 | 54.65 |
| रजापुर डासना | 35,171,171 | 6,400,821 | 64.01 |
| मोदीनगर | 2,839,800 | 535,419 | 53.54 |
| भोजपुर | 36,322,820 | 6,129,213 | 61.29 |
| एमएमजी | 29,307,888 | 6,338,946 | 55.12 |
| महिला अस्पताल | 27,862,099 | 4,481,849 | 56.05 |
| संयुक्त अस्पताल | 12,655,545 | 1,308,132 | 43.60 |
| लोनी अस्पताल | 2,991,995 | 399,404 | 66.57 |
| अर्बन पीएचसी | 69,031,846 | 5,483,578 | 20.69 |
| जिला मुख्यालय | 1,083,164,671 | 216,389,330 | 41.19 |
विभिन्न मदों में आवंटित सालाना बजट को जरूरत के हिसाब से शासन स्तर से जारी दिशा निर्देशों के अनुसार ही व्यय किया जाता है। सभी अधीनस्थ को स्वास्थ्य सेवाओं पर अधिक से अधिक बजट खर्च करने के निर्देश जारी किये गये हैं।
- डॉ. अखिलेश मोहन, सीएमओ

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