गाजियाबाद में ग्रेप का चौथा चरण लागू, पालन दूसरे चरण की पाबंदियों का भी नहीं हो रहा
गाजियाबाद में ग्रेप का चौथा चरण लागू कर दिया गया है। प्रदूषण नियंत्रण के लिए यह कदम उठाया गया है, लेकिन यहां दूसरे चरण की पाबंदियों का भी ठीक से पालन ...और पढ़ें
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जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। प्रदूषण के मामले में एनसीआर की स्थिति बेहद खराब बनी हुई है। प्रदूषण बढ़ने के कारण फिर से ग्रेप-तीन (ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन) की पाबंदियां लागू हो गई हैं। इसके अंतर्गत निर्माण कार्य, ध्वस्तीकरण, बीएस-तीन व चार डीजल वाहनों के संचालन पर रोक समेत विभिन्न गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाए गए हैं।
इसके बाद भी तीसरा चरण तो दूर की बात गाजियाबाद में पहले व दूसरे चरण की पाबंदियों का भी पालन कराने में जिम्मेदार फेल साबित हो रहे हैं। कार्रवाई के नाम पर महज खाना पूरी हो रही है। वहीं, शनिवार को आसमान में स्मॉग के साथ कोहरा भी छाया रहा। हालांकि वाहन चालकों पर कोहरे का खास असर देखने को नहीं मिला। दैनिक जागरण की टीम ने ग्रेप की पाबंदियों को लेकर शहर के विभिन्न स्थानों की पड़ताल की, जहां मानकों का उल्लंघन होता मिला है। पेश है साहिबाबाद से रिपोर्ट...
धड़ल्ले से होता रहा निर्माण कार्य
कविनगर औद्योगिक क्षेत्र में निर्माण का कार्य दिनभर होता रहा, लेकिन यहां प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कोई भई अधिकारी या कर्मी निरीक्षण के लिए नहीं पहुंचा। यहां खुले में निर्माण सामग्री भी पड़ी हुई थी। जबकि ग्रेप-तीन के अंतर्गत निर्माण कार्य पर पूरी तरह से रोक लगाई गई है। इसके बाद भी निर्माण कार्य कर प्रदूषण को बढ़ावा दिया जा रहा है।
खुले में पड़ी निर्माण सामग्री बढ़ा रही प्रदूषण
बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र, वसुंधरा सेक्टर-11, इंदिरापुरम नीति खंड-तीन समेत विभिन्न स्थानों पर सड़कों के किनारे िर्माण सामग्री पड़ी हुई है। उसे ढका भी नहीं गया है और न ही पानी का छिड़काव किया जा रहा है। यहां से वाहन गुजरते ही धूल उड़ती है जिसके कण हवा में शामिल होकर उसे जहरीली बना रहे हैं।
सड़कों पर उड़ती धूल बढ़ा रही प्रदूषण
औद्योगिक क्षेत्र साइट-चार साहिबाबाद की सड़क बदहाल है। इस सड़क पर दिनभर धूल उड़ती रही। नगर निगम द्वारा यहां दिनभर में एक बार भी पानी का छिड़काव नहीं कराया गया। उद्यमियों का कहना है कि यहां तक नगर निगम की कोई गाड़ी पानी का छिड़काव करने के लिए नहीं पहुंचती है।
मुख्य रूप से ग्रेप-तीन की ये हैं पाबंदियां
- स्टोन क्रशर और खनन संबंधी गतिविधियों पर रोक
- आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर डीजल जनरेटरों पर रहेगी रोक
- कंपनियों में वर्क फ्राम होम या हाइब्रिड मोड में काम करने की सलाह
- ध्वस्तीकरण, गैर जरूरी निर्माण कार्य और बीएस-तीन बीएस-चार डीजल वाहनों पर रोक
- सीमेंट, बालू जैसे सामानों की ट्रकों से आवाजाही पर रोक लग जाएगी
जिला प्रशासन स्तर से ग्रेप के नियमों का पालन कराने के कड़े आदेश हैं। प्रतिदिन कार्रवाई की रिपोर्ट रोजाना शाम पांच बजे तक देनी होगी। प्रदूषण बोर्ड की टीम अपने स्तर से कार्रवाई कर रही है।
-अंकित सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

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