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    गाजियाबाद में फर्जीवाड़ा कर फर्म का पंजीकरण करा दिखाया 48.28 करोड़ का कारोबार, मुकदमा दर्ज

    Updated: Tue, 28 Oct 2025 09:31 AM (IST)

    गाजियाबाद में एक कंपनी ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे पंजीकरण कराकर 48.28 करोड़ रुपये का कारोबार दिखाया। पुलिस ने इस मामले में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।

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    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। प्रताप विहार के पते पर दिसंबर में पंजीकृत कराई गई फर्म ने कुछ ही महीनों में 48 करोड़ रुपये का कारोबार किया और सरकार को 7.36 करोड़ रुपये का टैक्स नहीं चुकाया। फर्म की मौके पर जांच की गई तो वह नहीं पाई गई। फर्म संचालक का मोबाइल नंबर भी बंद आया। राज्य कर अधिकारी ने विजयनगर थाने में केस दर्ज करा कार्रवाई की मांग की है।

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    राज्य कर अधिकारी आलोक कुमार राय ने पुलिस को शिकायत देकर बताया कि राधे इंटरप्राइजेज नाम की फर्म का बीते वर्ष छह दिसंबर को ऑनलाइन जीएसटी पंजीकरण कराया गया था। फर्म स्वामी के रूप में राकेश सिंह रावत का नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आइडी तथा एक्सिस बैंक के खाते का विवरण अपलोड किया गया था। वित्तीय वर्ष 2024-25 में फर्म द्वारा अपलोड किए गए जीएसटी रिटर्न में करोड़ों रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा किया गया।

    फर्म ने इनवाइस वैल्यू 48.28 करोड़ रुपये दिखाई, जबकि 7.36 करोड़ रुपये का आइजीएसटी क्रेडिट दर्शाया गया। आरोप है कि विभागीय जांच में वास्तविक आउटवर्ड सप्लाई और टैक्स देयता का कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं हुआ। इससे संदेह हुआ कि फर्म केवल आइटीसी का लाभ लेने के लिए फर्जीवाड़ा किया गया।

    विभागीय टीम ने 12 सितंबर को प्रताप विहार स्थित घोषित व्यापार स्थल की मौके पर जांच की तो कारोबार होता नहीं पाया गया और न ही किसी ने पुष्टि की। आसपास के लोगों ने भी फर्म के बारे में कोई भी जानकारी होने से साफ इंकार कर दिया। साथ ही पंजीयन में दर्ज मोबाइल नंबर भी असक्रिय पाया गया। एसीपी कोतवाली रितेश त्रिपाठी का कहना है कि शिकायत के आधार पर राधे इंटरप्राइजेज फर्म के मालिक राकेश सिंह रावत के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया गया है। जांच के आधार पर शीघ्र कार्रवाई की जाएगी।