गाजियाबाद में बिजली खपत में भारी गिरावट, ओपन एक्सेस से निजी कंपनियों की बिजली ले रहे बड़े उद्योग
गाजियाबाद जिले में इस वर्ष बिजली की खपत में गिरावट दर्ज की गई है। विद्युत निगम के अनुसार, इसका मुख्य कारण ओपन एक्सेस प्रणाली का बढ़ता उपयोग है, जिसके तहत बड़े उपभोक्ता सीधे निजी कंपनियों से बिजली खरीद रहे हैं। इससे उपभोक्ताओं को किफायती दरें मिल रही हैं और निगम पर बोझ भी कम हो रहा है। ज़ोन 1 में 10 से ज़्यादा बड़े उपभोक्ता इस प्रणाली का इस्तेमाल कर रहे हैं।

गाजियाबाद जिले में इस वर्ष बिजली की खपत में गिरावट दर्ज की गई है।
लक्ष्य चौधरी, गाजियाबाद। इस साल जिले में बिजली की खपत में गिरावट आई है। विद्युत निगम के अनुसार, अप्रैल से बिजली की खपत में गिरावट आई है। अधिकारियों का कहना है कि यह गिरावट बदलते मौसम और सौर ऊर्जा के बढ़ते उपयोग का संकेत तो है ही, साथ ही ओपन एक्सेस सिस्टम का इस्तेमाल भी एक अहम कारक है।
निगम अधिकारियों के अनुसार, खपत में गिरावट का एक बड़ा कारण ओपन एक्सेस है। जिले के कई औद्योगिक और व्यावसायिक उपभोक्ता अब ओपन एक्सेस के ज़रिए सीधे निजी कंपनियों से बिजली खरीद रहे हैं। इससे उन्हें किफायती दरें मिल रही हैं।
ओपन एक्सेस एक ऐसी प्रणाली है जिसके तहत बड़े उपभोक्ता, आमतौर पर एक मेगावाट से ज़्यादा लोड वाले उपभोक्ता, अपनी ज़रूरत के अनुसार किसी भी निजी उत्पादक या बिजली कंपनी से सीधे बिजली खरीदते हैं। यह प्रणाली उद्योगों को प्रतिस्पर्धी दरों पर बिजली उपलब्ध कराती है और निगम पर बोझ भी कम करती है। अधिकारियों के अनुसार, ज़ोन 1 में 10 से ज़्यादा बड़े उपभोक्ता इस प्रणाली का इस्तेमाल कर रहे हैं, जबकि ज़ोन 2 और 3 में भी यह आँकड़ा लगभग पाँच है।
ऐसे काम करता है ओपन एक्सेस
बड़े उपभोक्ता (जैसे कारखाने, मॉल, व्यावसायिक परिसर, आदि) तय करते हैं कि वे किस निजी कंपनी या बिजली उत्पादक से बिजली खरीदना चाहते हैं। उपभोक्ता और निजी बिजली कंपनी के बीच बिजली खरीद का एक अनुबंध होता है, जिसमें बिजली की मात्रा, कीमत और अवधि का उल्लेख होता है।
हालाँकि बिजली निजी कंपनी से खरीदी जाती है, लेकिन इसे उपभोक्ता तक पहुँचाने के लिए सरकारी ट्रांसमिशन लाइनों और स्थानीय वितरण नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाता है। उपभोक्ता इसके लिए शुल्क देता है। निजी कंपनी बिजली को ग्रिड में भेजती है, और तकनीकी रूप से वही बिजली किसी भी लाइन के ज़रिए उपभोक्ता तक पहुँचती है।
| वर्ष | मई | जून | जुलाई | अगस्त | सितंबर | अक्टूबर |
|---|---|---|---|---|---|---|
| 2024-25 | 212,479 | 223,599 | 217,297 | 203,142 | 174,286 | 166,287 |
| 2025-26 | 196,971 | 212,807 | 212,807 | 199,195 | 193,195 | 141,002 |

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