गाजियाबाद में बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट कर तीन लाख की ठगी, शातिर ने खुद को बताया क्राइम ब्रांच का अधिकारी
गाजियाबाद के मोदीनगर में एक बुजुर्ग डिजिटल अरेस्ट का शिकार हुए, जिनसे साइबर ठगों ने तीन लाख रुपये ठग लिए। आरोपित ने क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर बुजु ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, मोदीनगर। कोतवाली क्षेत्र की उमेश पार्क कॉलोनी में शातिर ने बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट कर उनसे तीन लाख रुपये ठग लिये। आरोपित ने खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया। बुजुर्ग के खाते से तीन करोड़ का संदिग्ध लेनदेन बताते हुए जेल भेजने की धमकी दी। दो दिन तक उन्हें अलग-अलग नंबर से वाट्सअप पर कॉल की। इसके बाद लेनदेन के शुल्क के नाम पर बुजुर्ग से तीन लाख की रकम खाते में मंगा ली। पीड़ित की शिकायत पर मोदीनगर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
मोदीनगर की उमेश पार्क कॉलोनी के मोहनलाल एक कंपनी से रिटायर हैं। उनके पास तीन दिन पहले वाट्सअप पर अज्ञात नंबर से काल आई थी। उन्होंने कॉल उठाई तो सामने से युवक बोल रहा था। उसने खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया। कहा उनके नंबर से एक बैंक खाता लिंक है, जिससे हाल ही में तीन करोड़ का संदिग्ध लेनदेन हुआ है।
इस पर मोहनलाल ने किसी तरह के लेनदेन से इनकार किया। लेकिन आरोपित उनपर दबाव बनाने लगा। कहा उसके पास खाते की पूरी डिटेल्स हैं। इसपर मुकदमा भी दर्ज किया जा चुका है। इतना ही नहीं, गिरफ्तार करने की धमकी तक दी। आरोपित ने इसी तरह अपनी बातों में लगाया। वीडियो कॉल भी की, लेकिन अपना चेहरा नहीं दिखाया।
आरोपित ने कहा कि यदि गिरफ्तारी से बचना है तो लेनदेन का शुल्क तीन लाख रुपये जमा करना होगा। घबराकर मोहनलाल ने उसके बताए खाते में रकम भेज दी। आरोपित इसके बाद भी शांत नहीं हुआ। अतिरिक्त रकम मांगने लगा।
दो दिन तक मोहनलाल को परेशान किया। जब आरोपित ने वीडियो काल पर अपना चेहरा नहीं दिखाया तो मोहनलाल को शक हुआ और थाने में शिकायत दी। अब भी आरोपित का मोबाइल नंबर चालू है। एसीपी मोदीनगर अमित सक्सेना का कहना है कि मामले में साइबर सेल की टीम ने छानबीन शुरू कर दी है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।