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    गाजियाबाद में पांच दिन से गुमसुम रह रही युवती ने ट्रेन के सामने कूदकर दे दी अपनी जान

    Updated: Fri, 19 Dec 2025 10:27 AM (IST)

    गाजियाबाद में एक युवती ने ट्रेन के सामने लेटकर आत्महत्या कर ली। पांच दिन से गुमसुम 26 वर्षीय दीपमाला रेलवे स्टेशन पर दिल्ली की ओर जा रही ट्रेन के सामन ...और पढ़ें

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    पांच दिन से गुमसुम रह रही लड़की ने ट्रेन के सामने कूदकर दी जान।

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। पांच दिन से गुमसुम युवती बृहस्पतिवार सुबह को चुपके से रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर पांच पर दिल्ली की ओर आ रही ट्रेन के सामने लेट गई। ट्रेन युवती को कुचलते हुए निकल गई। खास बात यह है कि ट्रेनें निकलती रहीं और कोहरे के चलते किसी भी लोको पायलट ने इसकी सूचना नहीं दी कि उनकी ट्रेन के सामने कोई आ गया है। इसी के चलते यह पता नहीं चल सका है कि युवती की मौत किस ट्रेन के सामने आने से हुई है।

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    सीओ जीआरपी सुदेश गुप्ता का कहना है कि केस दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि मृतका का नाम दीपमाला है। 26 वर्षीय दीपमाला नंदग्राम में रहती थी। उनके अनुसार पूछताछ में पिता अरविंद ने बताया है कि पिछले चार पांच दिन से दीपमाला गुमसुम थी। वह सिलाई का काम करती थी। पोस्टमार्टम के बाद शव स्वजन को साैंप दिया गया है।

    अनियमित रूप से खड़े ई-रिक्शा और ऑटो से यात्री परेशानी

    अनियमित रूप से खड़े ई-रिक्शा और ऑटो से रोज यात्री परेशान रहते हैं। टिकट घर के ठीक सामने ई-रिक्शा और ऑटो खड़े हो जाने से यात्रियों को निकलने तक की जगह नहीं मिलती। खासकर सुबह और शाम के व्यस्त समय में हालात और भी खराब हो जाते हैं। कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इसको लेकर कई बार यात्रियों ने रेलवे प्रशासन को शिकायत भी दी गई, लेकिन एक-दो दिन सब ठीक रहता है, उसके बाद स्थिति फिर पहले जैसी हो जाती है।

    कोहरे का असर ट्रेनों पर पड़ने लगा

    कोहरे के चलते ट्रेनों का संचालन प्रभावित हो रहा है। जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बृहस्पतिवार को जालंधर एक्सप्रेस 3.30 घंटे, वैशाली एक्सप्रेस एक घंटे, कालका मेल दो घंटे, अवध–असम एक्सप्रेस 3.30 घंटे, दिल्ली–अलीगढ़ ईएमयू डेढ़ घंटे, टूंडला–दिल्ली पैसेंजर 1.25 घंटे, वर्धा टर्मिनल एक्सप्रेस 35 मिनट, कलिंगा एक्सप्रेस 50 मिनट और दिल्ली इंटरसिटी 45 मिनट की देरी से पहुंची।

    इसके अलावा हुगली स्पेशल और महानंदा एक्सप्रेस को रद कर दिया गया। 20 से अधिक ट्रेनें अपने निर्धारित समय से देरी से आईं। जिससे यात्रियों को प्लेटफार्म पर लंबा इंतजार करना पड़ा। ठंड और कोहरे के कारण बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को सबसे अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ा।