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    Ghaziabad Crime: किशोरी से दरिंदगी करने वाले अकबर को 20 साल की जेल,  घटना के दौरान बेहोश हो गई थी पीड़िता

    Updated: Thu, 09 Oct 2025 11:16 AM (IST)

    गाजियाबाद में एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के मामले में अकबर नामक व्यक्ति को अदालत ने 20 साल की सजा सुनाई है। घटना के समय पीड़िता बेहोश हो गई थी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अकबर को गिरफ्तार किया और अदालत में आरोप साबित होने पर उसे सजा मिली। यह फैसला न्याय की जीत है।

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    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। मधुबन बापूधाम थाना क्षेत्र में तीन वर्ष पहले 14 वर्षीय किशोरी के साथ दरिंदगी करने के मामले में कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने 46 वर्षीय दरिंदे अकबर को 20 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई। दोषी पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।

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    दोषी ने किशोरी के घर में घुसकर उसके साथ दुष्कर्म किया था। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे से आरोपित की पहचान की थी। पीड़िता के हिंदू और आरोपित के मुस्लिम होने की वजह से उस दौरान लोगों में आक्रोश फैल गया था। तीन वर्ष बाद इंसाफ मिला तो पीड़िता व स्वजन भावुक हो गए।

    क्या है पूरा मामला?

    मधुबन बापूधाम थाना क्षेत्र की रहने वाली किशोरी पांच जुलाई 2022 को घर पर अकेली थी। बेटी के पिता ड्यूटी पर गए थे और मां किसी काम से अलीगढ़ गई थी। किशोरी अपनी मां से इजाजत लेकर अपने मंगेतर के साथ दुहाई के मंदिर में दर्शन करने गई थी।

    शाम के वापस लौटने पर मंगेतर ने उसे एमआर भवन के पास छोड़ दिया था। इसके बाद किशोरी अपने घर चली गई थी। कुछ देर बाद ही अकबर नामक व्यक्ति ने घर की कुंडी बजाई। किशोरी ने दरवाजा खोला वह घर में घुस गया। अकबर ने अपने मोबाइल पर किशोरी के मंगेतर के साथ घूमने की वीडियो दिखाई। अकबर ने कहा कि वह उन दोनों का पीछा कर रहा था।

    इस वीडियो को वह उनके मकान मालिक और माता-पिता दिखाएगा। इसके बाद अकबर उसे जबरन कमरे में ले गया और दुष्कर्म किया। इस दौरान वह बेहोश हो गई। जब होश आया ताे अकबर वहां नहीं था। बेटी ने अपनी मां को फोन कर घर बुलाया। मां को घटना के बारे में बताया। मां ने अकबर के खिलाफ सात जुलाई 2022 को मधुबन बापूधाम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो आरोपित पीड़िता का पीछा करता हुए नजर आया। पुलिस ने अकबर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

    मामला दो समुदाय से जुड़ा होने पर लोग आक्रोशित हो गए। पीड़िता का मेडिकल कराया गया। मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि हुई। पुलिस ने मामले की विवेचना कर कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। बुधवार को विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) नीरज गौतम की कोर्ट में सजा पर सुनवाई हुई। मेडिकल रिपोर्ट और स्कूली कागजों के अनुसार घटना के समय पीड़िता की आयु 14 वर्ष 10 माह 18 दिन थी।

    धारा 376 और धारा-4 पॉक्सो अधिनियम दोनों में समान सजा का प्राविधान है। लिहाजा 376 के स्थान पर धारा-4 पॉक्सो अधिनियम में पारित किया गया। धारा-4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत अकबर को 20 वर्ष की सश्रम कारावास और एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई। जुर्माना नहीं देने पर छह माह अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। वहीं धारा 452 के अपराध में चार वर्ष, धारा 506 के अपराध में एक वर्ष सजा सुनाई गई।

    घटना के समय स्वजन ने बताई थी पीड़िता की अधिक उम्र

    स्वजन ने किशोरी का शादी के लिए रिश्ता कम उम्र में कर दिया था। घटना के दौरान किशोरी कक्षा छह में पढ़ती थी। उन्हें लगा कि यदि पुलिस को यह पता चला कि वह किशोरी के कम उम्र में शादी कर रहे हैं तो उन पर उल्टा कार्रवाई हो सकती है। ऐसे में स्वजन घटना के दौरान एफआईआर में पीड़िता की उम्र 17 वर्ष लिखवाई थी। जबकि पीड़िता की उम्र 14 वर्ष थी।




    बचाव पक्ष की ओर से कोई साक्ष्य नहीं मिला जिससे आरोपित बच सके। पीड़ित पक्ष आर्थिक रूप से कमजोर है। मैंने पीड़ित पक्ष की ओर से केस को मजबूती से लड़ा। कोर्ट ने साक्ष्य और गवाह के आधार सजा सुनाई।


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    उत्कर्ष वत्स, विशेष लोक अभियोजक