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    गाजियाबाद बना ड्रग हब? चिप्स-चावल की आड़ में नशीला सिरप तस्करी करने वाले गिरफ्तार

    Updated: Thu, 06 Nov 2025 05:55 AM (IST)

    गाजियाबाद में 3.40 करोड़ रुपये के कफ सिरप मामले की जांच क्राइम ब्रांच करेगी। पुलिस ने कई ट्रांसपोर्टरों और दवा वितरकों से पूछताछ शुरू कर दी है। जांच में पता चला है कि आरोपी चिप्स और नींबू की आड़ में बांग्लादेश की सीमा से लगे राज्यों में कफ सिरप की तस्करी कर रहे थे। पुलिस ने आरोपियों से नकदी और अन्य सामान बरामद किया है।

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    गाजियाबाद में 3.40 करोड़ रुपये के कफ सिरप मामले की जांच क्राइम ब्रांच करेगी।

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। मेरठ रोड पर घूकना के पास एक गोदाम में मिले 3.40 करोड़ रुपये के कफ सिरप मामले की जांच नंदग्राम पुलिस कर रही है। जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी जाएगी। क्राइम ब्रांच ने जांच की रूपरेखा तैयार कर ली है।

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    गाजियाबाद, बरेली-गोरखपुर, मेरठ और हिमाचल प्रदेश के संदिग्ध ट्रांसपोर्टरों और दवा वितरकों से पूछताछ की जा रही है। इस धंधे में ट्रांसपोर्टरों की भूमिका सामने आई है।

    पुलिस ने मकनपुर निवासी सौरव त्यागी, कैला भट्टा निवासी शादाब, कनावनी निवासी शिवकांत उर्फ शिव, भट्टा नंबर पांच निवासी संतोष भड़ाना, मेरठ के दौराला निवासी अंबुज कुमार, सुल्तानपुर के शेषपुर गांव निवासी धर्मेंद्र कुमार, मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ निवासी दीपू यादव और सुशील यादव को गिरफ्तार किया है।

    सौरव त्यागी के पास इंदिरापुरम में आरएस फार्मा के नाम से ड्रग लाइसेंस था। उसने फर्जी नाम, पते और दस्तावेजों से सात फर्म भी खोली थीं। वह पिछले तीन महीने से लाइसेंस का इस्तेमाल कर कफ सिरप की तस्करी कर रहा था।

    इस दौरान उसने छह बार बांग्लादेश की सीमा से लगे राज्यों में भारी मात्रा में माल भेजा। इस नेटवर्क के तीन आरोपी फरार हैं। चिप्स, नींबू और चावल की आड़ में कफ सिरप की बुकिंग कर बांग्लादेश की सीमा से लगे राज्यों में तस्करी की जा रही थी।

    पुलिस ने आरोपियों के पास से एक क्रेटा कार, 20 लाख रुपये नकद, दो लैपटॉप, 10 मोबाइल फोन, फर्जी पते पर लिए गए सिम कार्ड और टेपेंटाडोल टैबलेट की 19 स्ट्रिप बरामद की हैं। पुलिस का कहना है कि इस मामले में ट्रांसपोर्टर शामिल थे, लेकिन यह भी सामने आ रहा है कि अन्य ट्रांसपोर्टर भी इसमें शामिल हो सकते हैं।

    उनकी भी जांच की जा रही है। माना जा रहा है कि ट्रांसपोर्टरों की मिलीभगत से यह पूरा धंधा चल रहा था। इस मामले में ड्रग डिस्ट्रीब्यूटर्स के भी शामिल होने का शक है। पुलिस संदिग्ध ड्रग डिस्ट्रीब्यूटर्स की भूमिका की भी जांच करेगी।

    गाजियाबाद को चुना था ठिकाना

    गाजियाबाद दिल्ली से सटा हुआ है और देश भर में बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करता है। आरोपियों को लगता था कि वे गाजियाबाद में पकड़े नहीं जाएँगे। इससे पहले, गाजियाबाद के राजेंद्र नगर औद्योगिक क्षेत्र में पुलिस ने कफ सिरप जब्त किया था। ये आरोपी भी सिरप की तस्करी बांग्लादेश में कर रहे थे। इससे पहले, पुलिस ने लोनी इलाके में नकली दवाओं का एक गोदाम पकड़ा था। दोनों मामलों में दूसरे जिलों की पुलिस ने कार्रवाई की थी।

    जांच फिलहाल नंदग्राम पुलिस के पास है। गुरुवार तक इसे क्राइम ब्रांच को सौंप दिया जाएगा। क्राइम ब्रांच सिरप के उत्पादन, गोदाम, ट्रांसपोर्टर और दवा वितरकों की जांच करेगी। फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।
    - पीयूष सिंह, एडीसीपी क्राइम, गाजियाबाद।