गाजियाबाद में स्वास्थ्य से लापरवाही, एंटी रेबीज वैक्सीन की पहली डोज लेकर गायब हो रहे लोग; सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े!
गाजियाबाद में एंटी रेबीज वैक्सीन की पहली खुराक लेने के बाद गायब होने वाले लोगों के मामले सामने आए हैं, जिनमें से चार की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से वैक्सीन का पूरा कोर्स लेने की अपील की है। अधूरा टीकाकरण जानलेवा हो सकता है।

जिला एमएमजी अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाता युवक। जागरण
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। शहर के अधिकांश लोग राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम को कमजोर कर रहे है। कहने को कुत्ते, बिल्ली और बंदर के काटने पर लोगों को मौत का डर सताने लगता है लेकिन वैक्सीन की पर्याप्त डोज लगवाने के लिए लोगों के पास वक्त नहीं है। यह स्थिति तब है जबकि सरकारी अस्पतालों में एंटी रेबीज वैक्सीन निश्शुल्क लगाई जाती है।
दो महीने की रिपोर्ट में पता चला है कि एंटी रेबीज वैक्सीन की पहली डोज लगवाकर 817 लोग गायब हो गये हैं। 364 लोग दूसरी डोज लगवाने के बाद तीसरी डोज लगवाने नहीं पहुंचे । रिपोर्ट के अनुसार पिछले दो महीने में जिला एमएमजी अस्पताल में कुल 8014 लोगों ने एआरवी लगवाई। इनमें 3268 ने पहली डोज,2451 ने दूसरी,2087 ने तीसरी और 208 ने चौथी डोज लगवाई है।
एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने के नाम पर ऐसे लापरवाह लोगों का विवरण बनाया जा रहा है। जिला एमएमजी अस्पताल की टीम अब एआरवी लगवाने वाले लोगों को फोन करेगी।डोज कब और कितने दिन बाद लगवानी है, इसका रिमाइंडर भी भेजा जाएगा ।राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम को सख्ती से लागू करने की तैयारी। जिले में पिछले पांच साल में रेबीज से चार लोगों की मौत हो चुकी है। जिले में रोज पांच सौ से अधिक लोग एआरवी लगवाने पहुंचते हैं।
| दो महीने में एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने वालों का विवरण | |||||
|---|---|---|---|---|---|
| माह | पहली डोज | दूसरी डोज | तीसरी डोज | चौथी डोज | कुल |
| सितंबर | 1392 | 1060 | 864 | 120 | 3436 |
| अक्टूबर | 1876 | 1391 | 1223 | 88 | 4578 |
| कुल | 3268 | 2451 | 2087 | 208 | 8014 |
56 बच्चों समेत 349 ने लगवाई एंटी रेबीज वैक्सीन
सरकारी अस्पतालों में बुधवार को कुत्ते,बिल्ली और बंदरों के काटने पर कुल 349 लोग एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने पहुंचे। सीएमएस डा. राकेश कुमार सिंह ने बताया कि इनमें पहली डोज लगवाने वाले 56 बच्चों समेत 128 लोग शामिल हैं। जिला एमएमजी अस्पताल में 230 में से 34 बच्चों समेत 97 लोगों ने पहली डोज लगवाई।
संयुक्त अस्पताल में 119 में से 22 बच्चों समेत 31 लोगों को पहली डोज लगाई गई। दोनों अस्पतालों में 26 बुजुर्गों ने भी कुत्ते के काटने पर एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाई। पांच दिन से एंटी रेबीज सीरम खत्म होने से गंभीर रूप से घायल लोगों को हायर सेंटर रेफर किया जा रहा है। कई बच्चों को एंबुलेंस में भेजकर दिल्ली के अस्पतालों में एंटी रेबीज सीरम लगवायी गई है।
पहली डोज लगवाने के बाद दूसरी डोज की डेट से दो दिन पहले संबंधित व्यक्ति को फोन करके रिमाइंड कराया जाएगा। रजिस्टर के अनुसार तीसरी डोज के लिए भी याद दिलाया जाएगा। न आने पर भी फोन करके डोज न लगवाने का कारण पूछा जाएगा। यदि संबंधित व्यक्ति शहर छोड़कर दूसरे शहर चला गया है तो वहां पर डोज लगवाने को प्रेरित किया जाएगा। रेबीज की रोकथाम का एकमात्र उपाय नियमित वैक्सीन लगवाना है। कुत्ते के काटने पर 24 घंटे में पहली डोज, दूसरी डोज तीसरे दिन,तीसरी डोज सातवे दिन, चाथी डोज 14 वे दिन और पांचवी डोज 28 वे दिन लगवाना जरूरी है। अधिकांश मामलों में तीन डोज लगाई जाती है। गंभीर मामलों में पांच डोज लगाई जाती हैं।
डा. राकेश कुमार सिंह, सीएमएस जिला एमएमजी अस्पताल

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।