गाजियाबाद में ग्रेप के नियमों का पालन नहीं करा पा रहे अधिकारी, कैसे मिले साफ हवा?
गाजियाबाद में ग्रेप नियमों का पालन न होने से वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' श्रेणी में है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार एक्यूआई 312 दर्ज किया गया। इंदिरापुरम, लोनी, वसुंधरा में स्थिति गंभीर है, जहां धूल और कूड़ा जलने की घटनाएं हो रही हैं। अधिकारी कार्रवाई की बात कर रहे हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर सुधार नहीं दिख रहा।
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जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। ग्रेप (ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान) के नियमों का अधिकारी पालन नहीं करा पा रहे हैं। अधिकारियों की लापरवाही से जिले की हवा बेहद खराब श्रेणी में बनी हुई है। लोगों को साफ हवा नसीब नहीं हो रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार रविवार दोपहर 12 बजे हवा बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की गई। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 312 दर्ज किया गया।
जिले में प्रदूषण रोकथाम के लिए कार्रवाई देखने को नहीं मिल रही है। कागजों में योजना जरूर बनाई गई हैं, लेकिन उनका जमीन पर कोई असर नहीं दिखाई दे रहा है। इसकी गवाही इंदिरापुरम, साहिबाबाद साइट-चार, वसुंधरा, कौशांबी, जीटी रोड, लोनी आदि सड़कों पर जगह-जगह उड़ती धूल व कूड़ा जलाने की घटनाएं दे रही हैं। जबकि रोजाना धूल उड़ने से रोकने के लिए रोजाना पानी का छिड़काव होना चाहिए।
जिले में इंदिरापुरम, लोनी व वसुंधरा की हवा बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की गई। सबसे अधिक एक्यूआइ 341 वसुंधरा का दर्ज किया गया। लोगों का कहना है कि जब ग्रेप के नियमों का पालन ही नहीं हो रहा तो प्रदूषण से राहत कैसे मिलेगी। इसके लिए संबंधित विभागों को ठोस योजना बनाकर जमीन पर कार्य करना होगा।
स्टेशनों के एक्यूआई की स्थिति
- इंदिरापुरम 317
- लोनी 326
- वसुंधरा 341
- संजय नगर 262
विभागों के साथ समन्वय कर प्रदूषण रोकथाम के लिए कार्य किए जा रहे हैं। ग्रेप के नियमों का पालन कराने के लिए टीम निगरानी कर रही है। उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
-अंकित सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

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