गाजियाबाद में पाबंदियों के बाद भी 'गंभीर' श्रेणी में बरकरार हवा, 437 के पार पहुंचा AQI; अधिकारी बेफिक्र
गाजियाबाद में ग्रेप लागू होने के बाद भी प्रदूषण गंभीर श्रेणी में है, एक्यूआई 437 दर्ज किया गया। लोनी की हवा सबसे खराब है। अधिकारियों की लापरवाही के कारण प्रदूषण फैलाने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। धूल, धुआं और जाम की समस्या दूर होने से राहत मिल सकती है।
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गाजियाबाद की हवा लगातार गंभीर श्रेणी में बरकरार।
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) की पाबंदियां होने के बाद भी जिले में प्रदूषण का स्तर बीते आठ दिन से गंभीर श्रेणी में बरकरार है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, रविवार को जिले का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 437 दर्ज किया गया। हवा अधिक जहरीली होने के कारण लोगों को सांस लेने दिक्कत, आंखों में जलन, गले में खरास समेत विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बावजूद इसके अधिकारी बेफिक्र हैं।
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व अन्य विभागों के अधिकारी प्रदूषण की रोकथाम करने में फेल साबित हो रहे हैं। प्रदूषण फैलाने वालों पर भी कोई खास कार्रवाई नहीं की जा रही है। अभी भी जगह-जगह खुले में निर्माण सामग्री पड़ी हुई है। सड़कों पर धूल उड़ रही है। उम्र पूरी कर चुके वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं। अवैध फैक्ट्रियां प्रदूषण को बढ़ावा दे रही हैं। संबंधित विभागों को ये दिखाई नहीं दे रहा है। सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से बच रहे हैं।
लोनी की हवा सबसे खराब, वसुंधरा का मापक यंत्र रहा बंद
लोनी का हवा सबसे खराब बनी हुई है। यहां का वायु एक्यूआइ गंभीर श्रेणी 469 दर्ज किया गया था। वहीं इंदिरापुरम का एक्यूआइ 450 और संजय नगर का 393 दर्ज किया गया। वहीं, वसुंधरा में लगा प्रदूषण मापक यंत्र रविवार को दिनभर बंद रहा है। इससे यहां का एक्यूआइ सीपीसीबी की एप पर दर्ज नहीं हो सका।
धूल, धुआं व जाम की समस्या खत्म हो तो मिल जाए राहत
लोगों का कहना है कि शहर में धूल, धुआं व जाम की समस्या को दूर कर दिया जाए तो प्रदूषण से काफी हद तक राहत मिल जाए। प्रदूषण बोर्ड ने जिले में हाटस्पाट चिह्नित करने के दौरान भी इन तीनों को ही प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण माना था। इसके बाद भी प्रदूषण फैलाने वाली इन समस्याओं को दूर नहीं किया जा रहा है।
सीपीसीबी व आइक्यू एयर के अनुसार एक्यूआई
| क्षेत्र | AQI | श्रेणी |
|---|---|---|
| गाजियाबाद (मुख्य) | 437 | गंभीर (Severe) |
| इंदिरापुरम | 450 | गंभीर (Severe) |
| लोनी | 469 | गंभीर (Severe) |
| संजय नगर | 393 | बेहद खराब (Very Poor) |
| वसुंधरा | 353 | बेहद खराब (Very Poor) |
अधिक प्रदूषित इलाकों का सर्वे करने की जिम्मेदारी पांच एसोसिएट प्रोफेसरों को दी गई है। वह इलाकों का सर्वे कर रहे हैं, जल्द ही रिपोर्ट मिलने पर प्रदूषण के कारकों को खत्म करने लिए प्राथमिकता के साथ कार्य किया जाएगा। -अंकित सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, यूपीपीसीबी

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