गाजियाबाद में 333 दिन बाद AQI 400 पार, बन गया देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर
गाजियाबाद में 333 दिनों बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक 419 दर्ज किया गया, जिससे यह देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर बन गया। जहरीली हवा से लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। हॉटस्पॉट पर कार्रवाई का अभाव है और प्रदूषण के मुख्य कारण हैं टूटी सड़कें, निर्माण कार्य और अवैध फैक्ट्रियां। अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण के लिए काम करने का दावा कर रहे हैं।
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11 माह बाद गाजियाबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 419 दर्ज किया गया
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। शहर के लोगों को जिसकी चिंता सता रही थी वही हुआ। रविवार को 333 दिन यानी करीब 11 माह बाद गाजियाबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 419 दर्ज किया गया, जो देश का दूसरा सबसे प्रदूषित रहा। जहरीली हवा में लोगों का सांस रहना भी दूभर हो गया है। पहले नंबर पर हरियाणा के बहादुरगढ़ का एक्यूआई 439 दर्ज किया गया, जो देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा।
जिले का एक्यूआई अंतिम बार 17 दिसंबर को गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया था। उस दिन एक्यूआइ 403 रहा था। इसके बाद जिले की हवा संतोषजनक, मध्यम, खराब व बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की गई। रविवार को फिर से एक्यूआइ गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है। आसमान में दिनभर जाए स्माग के कारण लोगों के गले में खरास, आंखों में जलन, सांस लेने आदि में परेशानी हो रही है। सबसे ज्यादा परेशानी बीमार लोगों को झेलनी पड़ रही है।
लोगों का कहना है कि एनसीआर की महंगी बहुमंजिला इमारतों में रहकर केवल प्रदूषण मिल रहा है। हमारी सांसें साफ हवा के लिए तरस गई हैं। जिम्मेदार विभागों के अधिकारी कार्रवाई के नाम पर खानापूरी करके काम चला रहे हैं। अगर समय रहते ठोस योजना बनाई जाती तो गंभीर श्रेणी की हवा में नहीं रहना पड़ता।
हॉटस्पॉट पर भी नहीं हो रही कार्रवाई
जिले में प्रदूषण रोकथाम के लिए अधिक प्रदूषित इलाके मोहननगर, राजनगर एक्स्टेंशन, लोनी, भोपुरा-दिल्ली बार्डर, सिद्धार्थ विहार, कनावनी पुस्ता रोड, विजय नगर एंड साउथ साइड जीटी रोड, लालकुआं को चिह्नित किया गया था। यहां प्रदूषण के कारणों की भी सूची तैयार की गई थी। धूल, वाहनों का दबाव, निर्माण कार्य आदि को प्रदूषण का मुख्य कारण माना गया था। प्रदूषण के कारणों को खत्म करने के लिए संबंधित विभागों को भी जिम्मेदारी दी गई, लेकिन कोई खास कार्रवाई दिखाई नहीं दे रही है।
गाजियाबाद में प्रदूषण के मुख्य स्त्रोत
-सड़क टूटने के कारण वाहनों से धूल उड़ना।
-निर्माण गतिविधियां।
-खुले में निर्माण सामग्री डालना।
-उम्र पूरी कर चुके वाहनों का संचालन।
-अवैध फैक्ट्रियों का संचालन।
सीपीसीबी व आइक्यू एयर के अनुसार एक्यूआई
| क्षेत्र | AQI | PM2.5 | श्रेणी |
|---|---|---|---|
| लोनी | 452 | 212 | गंभीर (Severe) |
| संजय नगर | 416 | 171 | गंभीर (Severe) |
| इंदिरापुरम | 384 | 184 | बहुत खराब (Very Poor) |
| गाजियाबाद (औसत) | 319 | 179 | बहुत खराब (Very Poor) |
लगातार प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्रियों को सील किया जा रहा है। इसके अलावा नगर निगम व नगर पालिका अपने स्तर से पानी का छिड़काव करा रहे हैं। प्रदूषण का स्तर रोकने के लिए प्राथमिकता के साथ कार्य किए जा रहे हैं। - अंकित सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, यूपीपीसीबी

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