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    देश में चौथा प्रदूषित शहर रहा गाजियाबाद, वसुंधरा की हवा रही सबसे जहरीली

    Updated: Sun, 14 Dec 2025 08:20 PM (IST)

    गाजियाबाद देश का चौथा सबसे प्रदूषित शहर रहा, जहां वसुंधरा क्षेत्र में सबसे अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, शहर ...और पढ़ें

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    रविवार को गाजियाबाद चौथा सबसे प्रदूषित शहर रहा।

    जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। देश के 234 शहरों में रविवार को गाजियाबाद चौथा सबसे प्रदूषित शहर रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार एक्यूआइ गंभीर श्रेणी में 459 दर्ज किया गया। वसुंधरा क्षेत्र जिले में सबसे प्रदूषित रहा। यहां का एक्यूआई 492 दर्ज किया गया।

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    तमाम योजनाओं के दावों के बाद भी प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर रोक नहीं लग पा रही है। वहीं, देश में पहले नंबर पर 466 एक्यूआइ के साथ नोएडा, 464 एक्यूआइ के साथ बहादुरगढ़ दूसरा और दिल्ली तीसरे नंबर पर रही।

    शनिवार को जिले का एक्यूआइ 430 गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया था। रविवार को इसमें 29 अंक की बढोतरी दर्ज की गई। लगातार बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों का दम घुट रहा है। लोगों को प्रदूषण में सांस लेना भी दूभर हो रहा है। लोगों का कहना है कि प्रदूषण रोकथाम के लिए केवल कागजी योजनाएं बनाई जा रही हैं।

    जमीन पर कोई कार्रवाई दिखाई नहीं दे रही है। ग्रेप (ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान) की चौथे चरण की पाबंदियां लागू हैं। उनका भी पालन नहीं किया जा रहा है। सड़कों पर उड़ती धूल पर पानी का छिड़काव तक नहीं किया जा रहा है। इससे प्रदूषण को और बढ़ावा मिल रहा है।

    कार्यालयों का समय बदलने के लिए जिला प्रशासन को लिखा पत्र

    उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी ने बताया कि सभी सरकारी कार्यालयों का समय बदलने के लिए भी जिला प्रशासन को पत्र लिखा गया है। सुबह नौ से शाम चार बजे तक के लिए कहा गया है। साथ ही कर्मियों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करने के लिए कहा गया है।

    लोनी का प्रदूषण मापक यंत्र रहा बंद

    जिले में इंदिरापुरम, वसुंधरा, लोनी व संजय नगर में प्रदूषण मापक यंत्र लगाए गए हैं। इनमें से लोनी का प्रदूषण मापक यंत्र रविवार को बंद रहा। आए दिन कोई न कोई प्रदूषण मापक यंत्र लगा दिया। इससे प्रदूषण का सही आंकड़ा पता नहीं चल पाता है। अगर लोनी का मापक यंत्र भी चालू होता तो प्रदूषण का स्तर और अधिक होता।

    ग्रेप के नियमों का पालन दूर तक नहीं

    एनसीआर में वर्तमान में ग्रेप के चौथे चरण के नियम लागू हैं। इसके अंतर्गत विभिन्न पाबंदियां लगाई गई हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड उनका पालन नहीं करा पा रहा है। जबकि जिले में 20 से अधिक विभागों को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। ये विभाग क्या कार्य कर रहे हैं इसकी निगरानी की जिम्मेदारी प्रदूषण बोर्ड की है।

    जिले में प्रदूषण के ये हैं मुख्य कारण 

    -वाहनों का दबाव और जाम की समस्या।
    -अवैध फैक्ट्रियों का संचालन।
    -बिन छिड़काव सड़कों पर उड़ती धूल।
    -उम्र पूरी कर चुके वाहनों का संचालन।
    -निर्माण कार्य व ध्वस्तीकरण।

    ग्रेप के नियमों का पालन कराने के लिए निगरानी की जा रही है। शिक्षा विभाग ने कक्षाओं को आनलाइन व हाइब्रिड मोड में कर दिया है। ऑफिस के समय बदलने के लिए जिला प्रशासन को पत्र लिखा गया है। - अंकित सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, यूपीपीसीबी