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    सख्ती का असर: गाजियाबाद पुलिस ने जब नोटिस थमाया, चार हजार लोगों ने सड़क से खुद हटाया सामान

    Updated: Wed, 29 Oct 2025 08:53 AM (IST)

    गाजियाबाद पुलिस ने अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए चार हजार से अधिक लोगों को नोटिस जारी किया। नोटिस के बाद लोगों ने स्वेच्छा से सड़कों से अपना सामान हटा लिया, जिससे यातायात व्यवस्था सुगम हुई। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि अतिक्रमण के खिलाफ यह अभियान आगे भी जारी रहेगा ताकि शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाया जा सके।

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    फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। अतिक्रमण के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में पुलिस की सख्ती का बड़ा असर देखने को मिला है। गाजियाबाद पुलिस ने बीते पांच महीने में सड़क और सार्वजनिक स्थलों पर कब्जा जमाने वालों के खिलाफ बीएनएसएस की धारा 152 के तहत व्यापक कार्रवाई शुरू की है।

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    इस दौरान पुलिस ने ऐसे 10 हजार अतिक्रमणकारियों की पहचान कर उनके फोटो सबूत के तौर पर एकत्र किए और संबंधित एसीपी के माध्यम से उन्हें नोटिस जारी किए। नोटिस मिलने का असर यह हुआ कि करीब चार हजार लोगों ने जवाब दाखिल कर बताया कि उन्होंने अतिक्रमण हटा दिया है। पुलिस का कहना है कि दोबारा अतिक्रमण करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

    पुलिस तीन दिनों तक का समय अतिक्रमण हटाने और संबंधित एसीपी कोर्ट में जवाब दाखिल करने के लिए दे रही है। नोटिस के तीन दिन के अंतराल में दुकानदार द्वारा अतिक्रमण स्वतः नहीं हटाने और एसीपी कार्यालय में सूचना नहीं देने पर जुर्माने की कार्रवाई शुरू की जा रही है।

    नोटिस के साथ ही अतिक्रमणकारियों को चेतावनी दी जा रही है कि अगर उन्होंने दोबारा अतिक्रमण किया तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान शहर में यातायात व्यवस्था सुधारने और सार्वजनिक मार्गों को बाधामुक्त करने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है।

    उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे स्वेच्छा से सड़क किनारे रखा अपना सामान हटाएं, ताकि शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाया जा सके। जिन लोगों ने जवाब दाखिल कर दिया है उनके स्थान की मौके पर संबंधित बीट पुलिस अधिकारी समय-समय पर जांच करेंगे और फोटो खीचेंगे। दोबारा अतिक्रमण करता पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।



    शहर की सड़कों को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए अभियान चलाकर नोटिस जारी किए जा रहे हैं। इसका असर यह हुआ है कि चार हजार लोगों ने अतिक्रमण हटाकर जवाब दाखिल कर दिए हैं।


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    जे रविंदर गौड, पुलिस आयुक्त