Ghaziabad News: न्यायाधीशों के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने वाले को दो साल कैद की सजा, चार हजार का जुर्माना भी लगाया
गाजियाबाद में, 2011 में कचहरी परिसर में न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ अभद्र टिप्पणी वाले पंफ्लेट चिपकाने के आरोपी को कोर्ट ने दो साल कैद की सजा सुनाई। द ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। वर्ष 2011 में कचहरी परिसर में न्यायिक अधिकारियों के खिलाफ अभद्र टिप्पणी लिखे पंफ्लेट चिपकाने के आरोपित को कोर्ट ने दो साल कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषी ठहराए गए दिल्ली के बसई दारापुर निवासी केवल चानना पर चार हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक आठ फरवरी 2011 को कचहरी परिसर में केवल चावला द्वारा कुछ आपत्तिजनक पंफ्लेट चिपकाए गए थे।
इन पंफ्लेटों में न्यायाधीशों और न्यायिक कर्मचारियों के खिलाफ अभद्र एवं आपत्तिजनक टिप्पणियां लिखी गई थीं। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्कालीन दीवानी न्यायालय कर्मचारी संघ की अध्यक्ष प्रतिभा तोमर ने कविनगर थाने में शिकायत देकर केस दर्ज कराया था। पुलिस जांच में सामने आया कि चिपकाए गए पंफ्लेटों पर आरोपित केवल चावला का नाम और मोबाइल नंबर अंकित था, जिससे उसकी पहचान स्पष्ट हो गई।
आरोपित ने आरूषि हत्याकांड के संबंध में भी पंपलेटों पर टिप्पणी लिखी थी। जिसमें उसने आरूषि को इंसाफ दिलाने की बात लिखी थी। साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने जांच पूरी कर आरोपित के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश कर दी। इस मामले में फैसला सुनाते हुए एसीजेएम-पांच न्यायाधीश प्रीति भूषण ने केवल चानना को दोषी ठहराते हुए दो साल कैद और चार हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
गैंगस्टर एक्ट के दोषी को कोर्ट ने 30 महीन कैद की सजा सुनाई
कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के एक आरोपित को दोषी ठहराते हुए 30 महीने कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने अभियुक्त पर पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। लोनी बार्डर थाने में चार जून 2023 को थाना प्रभारी रामसेवक ने लोनी बार्डर निवासी राजेंद्र उर्फ बंटी उर्फ राहुल के खिलाफ आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहने पर गैंगस्टर एक्ट में केस दर्ज कराया था।
मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर एक्ट कोर्ट नंबर-12 के न्यायाधीश विनोद कुमार की अदालत में हुई। सुनवाई के दौरान आरोपित ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। अदालत ने सभी तथ्यों और साक्ष्यों के आधार पर राजेंद्र उर्फ बंटी उर्फ राहुल को दोषी ठहराते हुए 30 माह के कारावास तथा पांच हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई।

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