गाजियाबाद में परिवहन क्रांति: 298 नई बसें और साहिबाबाद डिपो का पीपीपी मॉडल में समावेश
गाजियाबाद में पिछले एक साल में 298 नई बसें जोड़ी गई हैं, जिससे शहर में सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा मिला है। इसके अतिरिक्त, साहिबाबाद डिपो को भी पीपीपी ...और पढ़ें

गाजियाबाद की परिवहन व्यवस्था में इस साल सुधार के साथ-साथ कुछ कमियां भी रहीं।
राहुल कुमार, साहिबाबाद। वर्षभर में गाजियाबाद की परिवहन व्यवस्था में एक तरफ बड़ा सुधार हुआ है। दूसरी ओर कई कार्य अधूरे भी रह गये हैं। इस वर्ष गाजियाबाद को 298 बसें मिलीं हैं। इनमें 38 ई-बसें, 20 मिनी बस, 40 सीएनजी और 200 बीएस-6 बसें शामिल हैं। मिनी बसों का संचालन ग्रामीण रूटों पर शुरू किया गया है। वहीं, 10 ई-बसों का संचालन शुरू किया गया है। इस वर्ष साहिबाबाद डिपो भी पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड में शामिल किया गया है।
इसका निर्माण जल्द शुरू हो जाएगा। करीब 161 करोड़ से किया जाना है। गाजियाबाद डिपो का निर्माण 61 करोड़ से किया जा रहा है। कौशांबी बस अड्डा भी पीपीपी मोड में है, लेकिन बसों के संचालन के लिए जगह नहीं मिलने से निर्माण अटका हुआ है। लोगों को उम्मीद है कि इस वर्ष अटके हुए कार्य पूरे होंगे और यात्रा बेहतर होगी।
गाजियाबाद के साहिबाबाद बस अड्डा का निर्माण पीपीपी मोड में होने पर यहां से अंतर्राज्यीय शहरों के लिए भी बसें मिलेंगी। यह बस अड्डा इंटरस्टेट बस टर्मिनल (आइएसबीटी) के रूप में जाना जाएगा। यहां से उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार, उत्तराखंड, राजस्थान समेत कई राज्यों के शहरों के लिए बसें मिलेंगी। नेपाल की बसों का संचालन भी यहीं से होगा।
अभी परिवहन निगम नेपाल व अन्य राज्यों के लिए बसों का संचालन दिल्ली के बस अड्डों से कर रहा है। अधिकारी मान रहे हैं कि यह प्रदेश का पहला अंतर्राज्यीय बस अड्डा होगा। दरअसल उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश व कोटद्वार के लिए रोडवेज बसों का संचालन अभी कश्मीरी गेट से करता है।
इसके अलावा हल्द्वानी, टनकपुर, रामनगर के लिए आनंद बिहार बस अड्डे से करता है। नेपाल के लिए महेंद्रगढ़ व रुपड़िया के लिए भी आनंद विहार से किया जाता है। कौशांबी से महज कालागढ़ के लिए ही बस का संचालन किया जाता है। यूपी में कोई भी आइएसबीटी बस अड्डा नहीं है। साहिबाबाद बस अड्डा पीपीपी मोड में बनने के बाद यहां से ही दूसरे राज्यों की बसों का संचालन किया जाएगा।
161 करोड़ से किया जाना है निर्माण, हवाई अड्डे की तर्ज पर मिलेंगी सुविधा
साहिबाबाद बस अड्डे को 161 करोड़ की लागत से आधुनिक सुविधाओं के साथ विकसित किया जाना है। जिस तरह की सुविधाएं हवाई अड्डे पर मिलती हैं यहां पहुंचने वाले यात्रियों को भी इसी तरह की सुविधाएं मिलेंगी। साहिबाबाद बस अड्डे को पीपीपी मोड पर विकसित करने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) का मैसर्स आनंद हैबिटेट नाम की फर्म से करार हुआ है। इस पर अंतिम मोहर लगने के बाद फर्म ने साहिबाबाद डिपो की वर्कशाप में अपना कार्यालय तैयार कर लिया है। अब कंपनी कभी भी कार्य शुरू कर सकती है।
गाजियाबाद बस अड्डा का निर्माण जारी, कौशांबी का अटका
गाजियाबाद बस अड्डा का निर्माण भी पीपीपी मोड में किया जा रहा है। 61 करोड़ की लागत से ओमेक्स प्राइवेट लिमिटेड इसका निर्माण कर रही है। कार्य शुरू हुए करीब एक वर्ष बीत चुका है। वहीं कौशांबी बस अड्डे का निर्माण भी पीपीपी मोड पर ही 266 करोड़ से किया जाना है। यहां की बसों के संचालन के लिए परिवहन निगम को जगह नहीं मिल रही है। इससे कार्य अटका हुआ है।
शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा बेहतर नहीं, निजी और डग्गामारों पर निर्भर
गाजियाबाद से दूसरे शहरों के लिए तो ट्रांसपोर्ट सुविधा बेहतर है, लेकिन शहर के अंदर पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा बेहतर नहीं है। वर्तमान में नगर विकास विभाग ही महज 38 ई-बसों का संचालन कर रहा है। बाकी लोग निजी और डग्गामारों पर निर्भर है।
साल 2025 में परिवहन निगम की उपलब्धियां
-38 इलेक्ट्रिक बस मिलीं, 10 का संचालन शुरू
-20 मिनी बस, 20 ग्रामीण रूटों के लिए
-40 सीएनजी बस मिलीं
-200 बस बीएस-6 मिलीं।
-ई-बसों को चार्ज करने के लिए साहिबाबाद डिपो पर एक चार्जिंग प्वाइंट शुरू हुआ।
परिवहन निगम की वर्तमान स्थिति
-उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के बेड़े में वर्तमान में 895 बसें है। इसके अलावा 189 बसें अनुबंधित हैं।
-प्रदेशभर के 70 से अधिक शहरों के लिए इनका संचालन होता है।
-रोजाना करीब एक लाख अधिक यात्रा सफर करते हैं।
उम्मीद
-आने वाले साल में पुरानी 300 बसों को बीएस-6 बसों में बदला जाएगा।
-इलेक्ट्रिक बसों को चार्ज करने के लिए साहिबाबाद डिपो पर सात चार्जिंग प्वाइंट शुरू होंगे।
-साहिबाबाद में एक चार्जिंग प्वाइंट शुरू कर दिया है।
नगर विकास विभाग की सुविधा
-शहर में नगर विकास विभाग की सार्वजनिक परिवहन के रूप में 50 ई-बसें संचालित होती हैं।
-इनमें से 12 बसें अभी बैटरी खड़ी होने के कारण खड़ी हैं। 38 का हो रहा संचालन।
ये बड़ी परिवहन सुविधा
-गाजियाबाद के शहीद स्थल से दिल्ली (रिठाला) के लिए मेट्रो की सुविधा।
-मेरठ से दिल्ली के लिए नमो भारत ट्रेन की सुविधा दिल्ली के न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ के लिए हैं, जो गाजियाबाद को दिल्ली मेरठ से जोड़ती है।
इस वर्ष ये कार्य होने हैं
-परिवहन निगम की करीब 300 बीएस-तीन व चार बसों को बदलना जाना है।
-नगर विकास विभाग की करीब 150 ई-बसें आनी हैं। जिनका संचालन शहर में होना है।
| डिपो | परिवहन निगम | अनुबंधित |
|---|---|---|
| कौशांबी | 183 | 99 |
| गाजियाबाद | 0 | 52 |
| साहिबाबाद | 159 | 0 |
| लोनी | 128 | 6 |
| हापुड़ | 126 | 13 |
| सिकंदराबाद | 85 | 0 |
| बुलंदशहर | 103 | 19 |
| खुर्जा | 111 | 0 |
| कुल | 895 | 189 |
इस वर्ष और बेहतर होगी परिवहन व्यवस्था
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) बस सेवा को लगातार बेहतर बनाने के लिए कार्य कर रहा है। यहां तक कि गांव को शहरों से जोड़ा जा रहा है। अभी तक करीब 20 रूटों पर गांव के लिए मिनी बसों का संचालन शुरू किया गया है। इससे सैकड़ों गांवों को लाभ मिल रहा है। जो अभी बस सेवा से वंचित हैं, उन्हें भी अगले साल तक शहर से जोड़ दिया जाएगा। इसके लिए मुख्यालय स्तर पर प्रक्रिया चल रही है। अभी गाजियाबाद रीजन के आठ डिपो से प्रदेशभर के करीब एक लाख यात्री रोजाना सफर कर रहे हैं। इन शहरों के लिए भी बस सेवा को और बेहतर बनाने पर जोर दिया जा रहा है। यात्रियों को बेहतर बस सेवा मिले यही उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम की प्राथमिकता है। इसके लिए साहिबाबाद, कौशांबी और गाजियाबाद डिपो को पब्लिक पीपीपी मोड में शामिल किया गया है। इन बस अड्डों का निर्माण पीपीपी मोड में होने से यहां हवाई अड्डे की तर्ज पर सुविधाएं मिलेंगी। पुरानी बसों को बीएस-6, सीएनजी और ई-बसों में बदला जा रहा है। - बिजय चौधरी, सेवा प्रबंधक, यूपीएसआरटीसी

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