Ghaziabad crime: दादी के पास सोती बच्ची का अपहरण कर किया था दुष्कर्म, दरिंदे को मिली 20 साल की सजा
गाजियाबाद के विजय नगर में 2018 में एक पांच वर्षीय बच्ची का अपहरण और दुष्कर्म करने वाले गुलाब को कोर्ट ने 20 वर्ष की सजा सुनाई। बच्ची अपनी दादी के पास ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। विजय नगर थाना क्षेत्र में 24 जुलाई 2018 की रात को पांच वर्षीय मासूम का अपहरण कर उसके साथ हैवानियत करने वाले दरिंदे गुलाब को कोर्ट ने 20 वर्ष कठोर कारावास और एक लाख रुपये रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। रात में दादी के पास से रही बच्ची को दोषी उठाकर ले गया था।
मासूम के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसे मारने की भी कोशिश की थी। खून में लथपथ बच्ची मिलिट्री ग्राउंड में मिली थी। इस घटना के विरोध में लोग भड़क उठे थे। लोगों ने थाने का घेराव कर जाम लगा दिया था। कई थानों की पुलिस को तैनात कर स्थिति को नियंत्रण किया गया था।
अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता संजीव बखरवा ने बताया कि विजयनगर थाना क्षेत्र की कॉलोनी में पांच वर्षीय बच्ची दादी के साथ बिजली न आने के कारण छत पर सो रही थी। रात करीब डेढ़ बजे पड़ोस का रहने वाला युवक (घटना के समय की आयु 21 वर्ष) आया और धीरे से बच्ची को उठाकर ले गया। रात में जब दादी की आंख खुली तो बच्ची चारपाई से गायब थी।
दादी ने परिवार के अन्य लोगों को इसके बारे में बताया। बच्ची की तलाश की गई। बच्ची नहीं मिलने पर परिवार वाले रोने-चिल्लाने लगे। चिल्लाने की आवाज सुनकर पड़ोसी भी उनके घर पहुंचे। इसके बाद पड़ोसी भी बच्ची की तलाश करने के लिए निकल गए। इस दौरान सीसीटीवी कैमरा चेक किया गया।
कैमरे में युवक बच्ची को ले जाते हुए कैद हो गया। जब स्वजन पड़ोसियों के साथ बच्ची की तलाश करते हुए मिलिट्री ग्राउंड पहुंचे तो वहां बच्ची के रोने की आवाज आ रही थी। जब पास गए तो गुलाब बच्ची के साथ दुष्कर्म कर रहा था। लोगों को देखकर वह भागने लगा। बच्ची खून से लथपथ हालत में पड़ी थी। उसके शरीर पर चोट के निशान थे। लोगों ने पीछा कर युवक को पकड़ लिया।
गुस्साए लोगों ने उसकी पिटाई कर पुलिस को सौंप दिया। बच्ची को एमएमजी अस्पताल ले जाया गया। हालत गंभीर होने की वजह से उसे जीटीबी अस्पताल रेफर कर दिया गया। विजय नगर पुलिस ने आरोपित के खिलाफ दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था।
कोर्ट में पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल कर तमाम सबूत और गवाह कोर्ट में पेश किए। मंगलवार को कोर्ट संख्या दो, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपिका तिवारी ने युवक को दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट का दोषी करार दिया। अदालत ने फाइव एम पाक्सो अधिनियम के तहत 20 वर्ष की कठोर कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। इसके अलावा धारा 363 के तहत पांच वर्ष की कारावास 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
मेडिकल रिपोर्ट में उजागर हुई थी हैवानियत
अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता संजीव बखरवा ने बताया कि मेडिकल रिपोर्ट में बच्ची की कपड़े लथपथ होने के साथ ही उसके शरीर पर भी नाखून से नोंचने के निशान थे। आंख के पास भी निशान थे।
बच्ची ने बताया कि घटना के बाद दरिंदा उसका गला दबा रहा था। इस घटना से लोगों में आक्रोश व्याप्त हो गया था। एक महिला संगठन के कार्यकर्ताओं ने तो थाने पर जमकर हंगामा करते हुए फांसी की सजा दिलाने की मांग की थी। स्थिति को काबू करने के लिए कविनगर, घंटाघर कोतवाली और सिहानी गेट थाने का पुलिस भारी बल तैनात कर दिया गया था।

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