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    गाजियाबाद में धूल और धुएं में उड़ रहीं ग्रेप की पाबंदियां, प्रदूषण फैलाने वाली 17 फैक्ट्रियां सील; बिजली कनेक्शन काटे

    Updated: Sun, 21 Dec 2025 08:30 AM (IST)

    लोनी बॉर्डर क्षेत्र में प्रदूषण फैलाने वाली 17 फैक्ट्रियों को सील किया गया है। प्रशासन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और अन्य विभागों की संयुक्त टीम ने कृष्ण ...और पढ़ें

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    संवाद सहयोगी, लोनी। बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर लोनी बार्डर थाना क्षेत्र की कृष्णा विहार फेस तीन और हंस गार्डन में प्रशासन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जीडीए, विद्युत निगम व नगर पालिका की संयुक्त टीम ने शनिवार को धातु गलाकर प्रदूषण फैलाने और जींस रंगाई फैक्टरी पर कार्रवाई की। टीम ने क्षेत्र में चल रही कुल 17 फैक्टरियों को सील कर बिजली कनेक्शन काट दिए।

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    नायब तहसीलदार लीलू सिंह ने बताया कि शनिवार को टीमों के साथ लोनी बार्डर थाना क्षेत्र की कृष्णा विहार फेस तीन में 17 फैक्ट्रियों को सील किया। कार्रवाई के दौरान प्रदूषण फैलाने वाले कारोबारियों में हड़कंप मचा रहा। विद्युत निगम की टीम ने फैक्ट्रियों के कनेक्शन काट दिए। इसके बाद टीम ने हंस गार्डन कालोनी में जल प्रदूषण फैलाने वाली जींस रंगाई की फैक्टरियों पर छापा मारा। छापेमारी के दौरान टीम ने पांच फैक्टरी सील कर उनके विद्युत कनेक्शन काट दिए। अधिकारियों ने प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों के खिलाफ आगे भी कार्रवाई जारी रखने की बात कहीं है।

    शहर में बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के लिए ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) का चौथा चरण लागू है, लेकिन पहले चरण के नियमों का ही पालन नहीं हो पा रहा है। कहीं सड़कों पर धूल उड़ रही है तो कहीं कूड़ा जलाकर प्रदूषण फैलाया जा रहा है। वहीं, सीपीसीबी के अनुसार शनिवार को वसुंधरा की हवा जिले में सबसे जहरीली रही।

    एक्यूआई गंभीर श्रेणी में 404 दर्ज किया गया। जिले का एक्यूआई 361 बेहद खराब श्रेणी में रहा। जिले में 20 से अधिक जिम्मेदार विभागों के अधिकारी केवल कार्यालयों में बैठकर ही प्रदूषण रोकथाम की योजना बना रहे हैं। कोई भी विभाग अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभा रहा है। न तो कहीं पानी का छिड़काव होता दिखाई दे रहा है और न ही मानकों का उल्लंघन करने वालों पर कोई कार्रवाई हुई।

    अगर यही स्थिति रही तो हवा और जहरीली हो जाएगी। सिद्धार्थ विहार को एनएच-नौ पर जोड़ने वाली सड़क बदहाल हो रही है। इससे यहां सड़कों पर उड़ती धूल प्रदूषण को बढ़ावा दे रही है। इसके अलावा यहां दिनभर कूड़ा भी जलता रहा। स्थानीय निवासी एनके नेगी ने इसकी शिकायत प्रदूषण बोर्ड में की है।

    इन इलाकों में धूल बढ़ा रही प्रदूषण

    यूपीपीसीबी के अधिकारियों की मानें तो सड़कों पर उड़ती धूल वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारक है। इसके बाद भी इंदिरापुरम पुस्ता मार्ग, साहिबाबाद साइट-चार औद्योगिक क्षेत्र, लोनी-भोपुरा मार्ग, सौर ऊर्जा मार्ग, राजनगर एक्सटेंशन, मेरठ रोड समेत शहर के ज्यादातर मुख्य मार्गों पर दिनभर धूल उड़ती रही। इसका मुख्य कारण सड़कों का टूटना है।

    चिमनियों से निकलते धुएं पर अधिकारियों की नहीं पड़ रही नजर

    औद्योगिक इकाइयों से निकल रहा धुआं प्रदूषण फैलाता रहा। साहिबाबाद साइट चार, राजेंद्रनगर, मोहननगर, जीटी रोड आदि औद्योगिक क्षेत्र में संचालित इकाइयों की चिमनियों से निकलते धुएं पर अधिकारियों की नजर नहीं गई। जबकि पहले ही दोहरी ईंधन किट के जेनरेटर सेट व पीएनजी कनेक्शन अनिवार्य रूप से लगाने के आदेश दिए जा चुके हैं।

    प्रदूषण फैलने के ये हैं मुख्य कारण

    1. सड़कों पर जमा धूल हवा में उड़ने के कारण
    2. सड़कों के टूटने के कारण उड़ रही धूल
    3. उम्र पूरी कर चुके वाहनों से निकलता धुआं।
    4. अवैध फैक्ट्रियों से निकलता धुंआ।
    5. औद्योगिक क्षेत्रों में चिमनियों से निकलता धुआं।

    अवैध फैक्ट्रियों पर कार्रवाई जारी है। इसके अलावा सभी विभागों को उनके स्तर की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। प्रदूषण बोर्ड की पांच टीम निगरानी कर रही हैं।

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    -अंकित सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, यूपीपीसीबी