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    गाजियाबाद में औषधि विभाग की बड़ी कार्रवाई, 15 फार्मास्यूटिकल फर्मों पर गिरी गाज; रद होंगे लाइसेंस

    Updated: Thu, 27 Nov 2025 10:58 PM (IST)

    गाजियाबाद के औषधि विभाग ने 15 फार्मा एजेंसियों के लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की है। ये एजेंसियां कागजों पर कोडीनयुक्त कफ सीरप की खरीद-बिक्री कर रही थीं। जांच में पाया गया कि इन फर्मों ने कभी व्यापार नहीं किया और फर्जी तरीके से माल की बिलिंग कर रही थीं। पुलिस ने इस मामले में पहले भी कई गिरफ्तारियां की हैं और जांच अभी जारी है।

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    cough syrup

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। औषधि विभाग ने कोडीनयुक्त कफ सीरप की सिर्फ कागजों में खरीद-बिक्री करने वाली 15 फार्मा एजेंसियो के लाइसेंस निरस्त करने के लिए ड्रग लाइसेंस अथाॅरिटी को लिखा है।

    इन फर्मों की मौके पर जांच के बाद पाया गया कि तीन साल पहले लिए गए अधिकांश लाइसेंस धारकों ने कागजों में दिखाए गए व्यापार स्थल पर कभी काम नहीं किया। आरोपी एजेंसी में कई एजेंसी दवाओं की थोक मंडी नई बस्ती एवं शहर के अन्य इलाकों में हैं।

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    गाजियाबाद में तीन वर्ष पूर्व कफ सीरप बिक्री पर सख्ती होने के बाद इन एजेंसियों ने सहारनपुर से एबाट कंपनी के डिपो से माल खरीदा, लेकिन सीधे गाजियाबाद के लिए बिलिंग नहीं कराई। गाजियाबाद वालों को पूर्वी उत्तर प्रदेश के जनपदों से माल की खरीद दिखाई गई।

    जबकि उन डीलरों ने माल सहारनपुर से ही खरीदा था। कफ सीरप तस्करी की जांच में जुटे औषधि विभाग को जांच में कमियां पाए जाने पर पूरे फर्जीवाड़े का पता चला। निरस्त किए गए सभी लाइसेंस होलसेल श्रेणी के हैं और सिर्फ एबाट कंपनी के फेंसीडिल की खरीद-बिक्री ही कागजों में कर रहे थे।

    इन एजेंसियों के लाइसेंस होंगे निरस्त

    जय अंबे मेडिकोज, आरएस फार्मा, एसएन फार्मा, अंकित फार्मा, कृष्णा मेडिकोज, अमर ट्रेडर्स, वासु एंटरप्राइजेज, कुंज फार्मा, मेडिस्टो बायोटेक, शिवा मेडिकल एजेंसी, एसके डिस्ट्रीब्यूटर्स और अर्णव फार्मा समेत तीन अन्य एजेंसी के लाइसेंस निलंबित करने की संस्तुति ड्रग लाइसेंस अथारिटी से की गई है।

    मेरठ रोड पर छापा मारकर पकड़ा था माल

    तीन नवंबर को पुलिस ने मेरठ रोड स्थित मछली गोदाम पर छापा मारकर चार ट्रकों में भरी भारी मात्रा में कफ सीरप बरामद की थी। बरामद माल की कीमत करीब साढे़ तीन करोड़ रुपये आंकी गई थी। पुलिस ने मौके से आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जबकि कुल 17 नामजद किए गए थे। जांच की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तीन सदस्यीय एसआइटी का गठन किया था, जिससे तेजी से नेटवर्क का भंडाफोड़ हो सके।

    पुलिस ने इन लोगों को किया था गिरफ्तार

    तीन नवंबर को पुलिस ने मकनपुर निवासी सौरव त्यागी, कैला भट्ठा निवासी शादाब, कनावनी निवासी शिवाकांत उर्फ शिव, भट्ठा नंबर पांच निवासी संतोष भड़ाना, मेरठ के दौराला निवासी अंबुज कुमार, सुल्तानपुर के गांव शेषपुर निवासी धर्मेंद्र कुमार, मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ निवासी दीपू यादव और सुशील यादव को गिरफ्तार किया।

    नंदग्राम थाने में चार नवंबर को सौरव त्यागी और उसे माल देने वाले वान्या एंटरप्राइजेज के मालिक विशाल उपाध्याय समेत धर्मेंद्र कुमार सिंह, दीपू यादव, सुशील यादव, अंबुज कुमार, शिवाकांत उर्फ शिव, शादाब, संतोष भड़ाना, पप्पन यादव, मेरठ के किठौर थानाक्षेत्र के गांव राधना निवासी आसिफ, सरधना के गांव नानू निवासी वसीम उर्फ नानू, अभिषेक शर्मा, वाराणसी निवासी शुभम जायसवाल, सुमित राणा, कमल मौर्य और सोनू के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। क्राइम ब्रांच की एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है।

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    कफ सीरप तस्करी की जांच के दौरान इन एजेंसियों की गड़बड़ी सामने आने पर कार्रवाई की गई है। कई अन्य फर्मों की जांच अभी जारी है।


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    -आशुतोष मिश्रा, औषधि निरीक्षक