Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चार साल का बच्चा चौथी मंजिल से गिरा, चिकित्सकों ने बचाई जान

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 16 Jul 2022 04:56 PM (IST)

    जागरण संवाददाता गाजियाबाद जाको राखे साईंया मार सके ना कोय। यह कहावत शनिवार को चार

    Hero Image
    चार साल का बच्चा चौथी मंजिल से गिरा, चिकित्सकों ने बचाई जान

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : जाको राखे साईंया मार सके ना कोय। यह कहावत शनिवार को चार साल के बच्चे शोएब पर सटीक बैठी। राजनगर एक्सटेंशन की चार मंजिला इमारत से गिरे इस बच्चे को संजयनगर स्थित संयुक्त अस्पताल के चिकित्सकों ने तुरंत इलाज करते हुए बचा लिया। इमरजेंसी में तैनात डा. राहुल ने बताया कि रोते हुए बच्चे को भर्ती किया गया और हंसते हुए उसे डिस्चार्ज किया गया। बच्चे के सिर, हाथ, पैर और छाती में गंभीर चोट आई थी। वीवीआइपी माल के पास अरशद रहते हैं। उनके दो बेटे हैं। एक डेढ़ महीने का अय्यूब और दूसरा शोएब। दोनों बच्चों को चौथी मंजिल पर छोड़कर उनकी पत्नी नेहा पास की एक सोसायटी की सातवीं मंजिल पर काम कर रही थी। अरशद कुछ दूर दूसरी साइट पर काम करने गए थे। नौ बजे शोएब की बाल चौथी मंजिल से नीचे गिर गई। शोएब बाल को लेने के लिए उसके पीछे दौड़ा तो वह नीचे गिर गया। नीचे गिरते ही शोएब लहूलुहान हो गया। वहां मौजूद नगर निगम के एक कर्मचारी नवेद ने उसकी मां को बुलाया और अपनी बाइक पर घायल बच्चे को लेकर मेरठ रोड स्थित तीन निजी अस्पतालों में भर्ती कराने की गुहार लगाकर घूमते रहे। चिकित्सकों ने हालत देखते हुए बच्चे को भर्ती नहीं किया। बाद में संयुक्त अस्पताल में बच्चे को भर्ती कराया गया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ------------

    ट्रेनी स्वास्थ्यकर्मियों ने लगाए टांके नर्सिंग का डिप्लोमा करने के बाद अस्पताल में ट्रेनी कर रहे हिमांशु ने बच्चे की छाती पर गहरा घाव देख तो तुरंत उसे हिस्से को सुन्न करने का इंजेक्शन लगाया और टांके लगाने शुरू कर दिए। बच्चा बहुत रो रहा था, इसलिए ट्रेनी तालिब ने उसके पैरों को कसकर पकड़ा और विशेष ने टार्च दिखाई। कुल चार टांके लगाए गए। टांके लगते ही रक्तस्त्राव रूक गया। चार घंटे तक बच्चे को भर्ती करके अन्य जांच की गईं। देर शाम को स्वस्थ होने पर उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। डा. राहुल और फार्मासिस्ट कमल की निगरानी में बच्चे का इलाज किया गया।