यूपी दिव्यांग क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान गाजियाबाद में चला रहे ई-रिक्शा
जागरण संवाददाता गाजियाबाद मूल रूप से जालौन के रहने वाले दिव्यांग क्रिकेटर राजा बाबू गाजिय
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : मूल रूप से जालौन के रहने वाले दिव्यांग क्रिकेटर राजा बाबू गाजियाबाद के बहरामपुर में पत्नी और बच्चों के साथ रहते हैं। वह यूपी दिव्यांग क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान रह चुके हैं। इन दिनों मध्यप्रदेश व्हील चेयर क्रिकेट टीम में शामिल हैं। आर्थिक रूप से कमजोर राजा बाबू ई-रिक्शा चलाकर परिवार का पालन-पोषण करते हैं।
दिव्यांग क्रिकेटर राजा बाबू के पिता रेलवे में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी थे। साल 1997 में जब वह करीब सात वर्ष के थे तो खेलते हुए घर के पास से गुजर रही ट्रेन की चपेट में आ गए। इस हादसे में उनका एक पैर कट गया। बावजूद इसके राजा बाबू ने हिम्मत नहीं हारी और अपने दोस्तों के साथ बल्लेबाजी करने लगे और यूपी दिव्यांग क्रिकेट टीम के कप्तान बने। खेल से आर्थिक स्थिति बेहतर न होने पर वह परिवार के पालन-पोषण के लिए रेलवे स्टेशन, विजयनगर और बहरामपुर में ई-रिक्शा चलाते हैं। अभी हाल ही में रात के समय एक बुजुर्ग दंपती को ले जाते हुए उनका रिक्शा कीचड़ में फंस गया, जिससे उसका मोटर और कंट्रोलर खराब हो गया। राजा बाबू बताते हैं कि रिक्शा ठीक कराने के लिए कर्ज लिया, जिसका कर्ज दिन भर कमाई के रुपयों में से शाम को देकर उतार रहे हैं।
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टूटे बल्ले से राजा बाबू मारते हैं हेलीकाप्टर शाट यूपी दिव्यांग क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एवं मध्यप्रदेश की व्हील चेयर क्रिकेट टीम के खिलाड़ी राजा बाबू के पास एक अदद क्रिकेट का बल्ला भी नहीं है। क्लब टीम या प्रदेशीय टीम के बुलावे पर वह जहां जाते हैं उन्हें आयोजक ही क्रिकेट किट मुहैया कराते हैं। अभ्यास के लिए उनके पास न तो खेलने के लिए व्हील चेयर है और न सही बल्ला। टूटे बल्ले से वह जमीन पर बैठकर बेटे के साथ टेनिस बाल से अभ्यास करते हैं। इसी टूटे बल्ले से वह धोनी स्टाइल में हेलीकाप्टर शाट का भी अभ्यास करते हैं। उन्हें क्रिकेट किट और खेलने के लिए व्हील चेयर की दरकार है।
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कई पुरस्कार कर चुके अपने नाम पैर गंवाने के बावजूद राजा बाबू ने अपने दोस्तों को क्रिकेट खेलते देख उनके साथ खेलना शुरू किया। डंडे के सहारे वह बल्लेबाजी करते थे। उन्हें किसी ने दिव्यांग क्रिकेट के बारे में बताया तो क्लब स्तर पर खेलने लगे। वर्ष 2015 में उन्हें उत्तराखंड में बेस्ट प्लेयर का पुरस्कार मिला। इसके बाद उन्हें यूपी की दिव्यांग टीम की कप्तानी सौंपी गई थी। वर्ष 2016 में उन्होंने यूपी और गुजरात में कई पुरस्कार अपने नाम किए। साल 2021 में बिहार सरकार ने उनके क्रिकेट में दिए गए योगदान के लिए उन्हें सम्मानित किया। अब वह मध्यप्रदेश व्हील चेयर क्रिकेट में बतौर खिलाड़ी हैं।
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टीम इंडिया के लिए खेलना सपना हाल ही में बीसीसीआइ अब दिव्यांग क्रिकेटरों के उत्थान के लिए डिसेबल्ड क्रिकेट काउंसिल आफ इंडिया की कमेटी गठित कर रही है। यह कमेटी दिव्यांग खिलाड़ियों का ध्यान रखेगी। साथ ही हर राज्य में प्रत्येक वर्ष क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन करेंगी। क्रिकेटर राजा बाबू कहते हैं कि उनका सपना देश के लिए खेलना है। इसके लिए वह और ज्यादा कड़ा अभ्यास करेंगे, लेकिन इस बीच उन्हें अपने परिवार के पालन-पोषण के लिए भी काम करना है। उन्हें पुरुस्कार तो बहुत मिले, लेकिन आर्थिक रूप से किसी सरकार या संस्था ने मदद नहीं की।
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