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    दिल्ली-मेरठ रोड को शून्य मृत्यु गलियारा बनाने की तैयारी, पुलिस आयुक्त ने दिए हादसों में कमी लाने के निर्देश

    Updated: Thu, 11 Dec 2025 09:12 AM (IST)

    गाजियाबाद पुलिस दिल्ली-मेरठ रोड को शून्य मृत्यु गलियारा बनाने की तैयारी कर रही है। प्रदेश सरकार ने 20 जिलों में ऐसा ही एक रोड चिन्हित करने का आदेश दिय ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। दिल्ली-मेरठ रोड को मोदीनगर क्षेत्र में शून्य मृत्यु गलियारा बनाने की तैयारी है। प्रदेश सरकार ने 20 जिलों में ऐसा ही एक रोड चिन्हित करने का आदेश दिया था। हालांकि इसमें गाजियाबाद शामिल नहीं है, लेकिन कमिश्नरेट पुलिस ने अपने यहां मेरठ रोड को चिन्हित कर सड़क हादसों में मृत्यु दर शून्य करने की तैयारी शुरू कर दी है।

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    बुधवार को पुलिस आफिस में टैफिक पुलिस अधिकारियों के साथ हुई बैठक में पुलिस आयुक्त जे रविंदर गौड ने यातायात व्यवस्था में सुधार और सड़क हादसों में कमी के लिए प्रयास करने का आदेश दिया।

    अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आलोक प्रियदर्शी के मुताबिक बैठक का मोदीनगर क्षेत्र में पड़ने वाले करीब 12 किलोमीटर के दिल्ली–मेरठ हाईवे को शून्य मृत्यु गलियारा बनाने की दिशा में चर्चा की गई। बैठक में बताया गया कि इस मार्ग पर पिछले वर्ष 13 लोगों की मौत हुई थी, जबकि इस वर्ष अब तक आठ लोगों की जान जा चुकी है।

    इन आंकड़ों को बेहद गंभीर मानते हुए पुलिस आयुक्त ने हाईवे पर दुर्घटनाएं कम करने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए। सबसे महत्वपूर्ण निर्णय क्रिटिकल कारिडोर टीम (सीसीटी) के गठन का रहा। यह टीम हाईवे पर होने वाली हर सड़क दुर्घटना की मौके पर जाकर जांच करेगी।

    हादसे की वास्तविक वजहों का विश्लेषण करेगी और विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर डिवाइडर समायोजन, ब्लैक स्पाट सुधार, रिफ्लेक्टर व कैट-आई लगाने, कटों का पुनर्मूल्यांकन जैसे सुधारात्मक उपाय किए जाएंगे। ताकि भविष्य में दुर्घटनाएं कम हो सकें।

    इसके अलावा इस संवेदनशील गलियारे पर तेज रफ्तार, गलत दिशा में वाहन चलाने, ओवरटेकिंग और अन्य उल्लंघनों पर विशेष प्रवर्तन अभियान चलाने का निर्देश दिया गया। भीड़भाड़ वाले स्थानों पर अतिरिक्त यातायात बल तैनात करने तथा आटो–ई-रिक्शा संचालन को व्यवस्थित करने के उपाय भी तय किए गए।

    बैठक में पुलिस उपायुक्त यातायात, सभी सहायक पुलिस आयुक्त और यातायात निरीक्षक उपस्थित रहे। पुलिस आयुक्त ने निर्देश दिए कि यातायात माह के दौरान जो सकारात्मक परिणाम दिखे हैं उन्हें पूरे वर्ष बनाए रखते हुए सड़क सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। स्कूल-कालेज जागरूकता कार्यक्रम, नुक्कड़ नाटक, हेलमेट सुरक्षा अभियान और जनसहभागिता बढ़ाने के प्रयासों को और प्रभावी बनाने पर भी जोर दिया गया।