दिल्ली में हुए आतंकी हमले के बाद खुफिया एजेंसी अलर्ट, खतरनाक केमिकलों को खरीदने वालों की हो रही निगरानी
दिल्ली में आतंकी हमले के बाद खुफिया एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं। खतरनाक केमिकल खरीदने वालों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। यह कदम संभावित खतरों को रोकने के लिए उठाया गया है। एजेंसियां मानती हैं कि आतंकी संगठन इन केमिकल्स का इस्तेमाल कर सकते हैं, इसलिए सुरक्षा बल मिलकर शहर में शांति बनाए रखने के लिए काम कर रहे हैं।
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लाल किले के सामने 10 नवंबर को आतंकी हमला हुआ था।
विनीत कुमार, गाजियाबाद। दिल्ली में हुए आतंकी विस्फोट के बाद सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हो गई हैं। इसके तहत गाजियाबाद में खुफिया विभाग ने ऐसे सभी केमिकल्स की ट्रैकिंग शुरू कर दी है, जिनका प्रयोग विस्फोटक बनाने में किया जा सकता है। अधिकारियों के अनुसार कई प्रकार के औद्योगिक और प्रयोगशाला में प्रयुक्त होने वाले केमिकल आतंकियों द्वारा दुरुपयोग किए जा सकते हैं इसलिए उनकी बिक्री, खरीद और भंडारण की चेन को खंगाला जा रहा है। खुफिया विभाग की ओर से जिले में ऐसी दुकानों, गोदामों और उत्पादकों का आंकड़ा जुटाया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार जिले में मौजूद केमिकल डीलरों, थोक विक्रेताओं, गोदाम संचालकों और कुछ विशेष उद्योगों का पूरा आंकड़ा तैयार किया जा रहा है। यह भी जांचा जा रहा है कि कौन से केमिकल कितनी मात्रा में खरीदे जा रहे हैं और उनका वास्तविक उपयोग क्या है। जिन केमिकल्स को संवेदनशील सूची में रखा गया है, उनकी खरीदारी का रिकॉर्ड रखना अनिवार्य होता है।
ऐसे में खुफिया विभाग उनकी आवक, स्टाक रजिस्टर और बिलिंग विवरण की भी जानकारी जुटाई जा रही है। इसके अलावा सुरक्षा एजेंसियां इस बात पर भी नजर रख रही हैं कि कहीं कोई व्यक्ति या संस्था अचानक असामान्य मात्रा में केमिकल की खरीद तो नहीं कर रही। यदि कोई संदिग्ध लेन-देन मिलता है, तो उसकी जांच स्थानीय पुलिस और अन्य एजेंसियों के साथ साझा की जाएगी।
अधिकारियों का कहना है कि आतंकी नए-नए तरीकों से रसायनों का दुरुपयोग कर विस्फोटक तैयार करने की कोशिश करते हैं, इसलिए जिले में मौजूद सभी संवेदनशील केमिकल्स की बिक्री और उपयोग पर लगातार नजर रखना जरूरी है। उनका कहना है कि यह कदम पूरी तरह एहतियाती है और इसका मकसद किसी भी संभावित साजिश को पहले ही नाकाम करना है।
औद्योगिक और कृषि उपयोग वाले रसायन
खुफिया एजेंसियों ने जिले में उन रासायनिक और कृषि आधारित केमिकल्स की सूची तैयार की है जिनका दुरुपयोग कर विस्फोटक बनाए जाने की आशंका रहती है। उद्योगों में काम आने वाले अमोनियम नाइट्रेट, पोटैशियम नाइट्रेट, पोटैशियम क्लोरेट और हाइड्रोजन पेराक्साइड उच्च जोखिम वाली श्रेणी में आते हैं।
इनके अलावा एसिटोन, टोल्यून, नाइट्रोमीथेन जैसे ज्वलनशील द्रव भी संवेदनशील माने जाते हैं। कृषि क्षेत्र में प्रयोग होने वाले कुछ उर्वरक विशेषकर अमोनियम नाइट्रेट आधारित खाद और नाइट्रेट-पोटाश मिश्रण की भी जानकारी जुटाई जा रही है। क्लोरेट या परक्लोरेट वाले कुछ कीटनाशक भी एजेंसियों की जांच सूची में शामिल हैं।

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