Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पुरानी करंसी बदलने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, सरगना समेत चार आरोपी गिरफ्तार

    By SHOBHIT SRIVASTAVAEdited By: Anup Tiwari
    Updated: Sat, 08 Nov 2025 05:26 PM (IST)

    पुरानी करंसी बदलने का झांसा देकर ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने गिरोह के सरगना समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपी पुरानी करंसी बदलने के नाम पर लोगों से पैसे ऐंठते थे। 

    Hero Image

    पुरानी करंसी बदलने का झांसा देकर ठगने वाले आरोपी गिरफ्तार। जागरण

    जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। पुरानी करंसी बदलवाने के मामले में शालीमार गार्डन पुलिस ने सरगना समेत चार आरोपितों को गिरफ्तार किया है। पुलिस का दावा है कि आरोपित पुरानी करंसी बदलवाने के नाम पर लोगों से कमीशन में मिलने वाली रकम को हड़प लेते थे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पुरानी करंसी बदलवाने वाला व्यक्ति डर की वजह से इनकी शिकायत नहीं कर पाता था। ऐसे में गिरोह बनाकर लोगों को ठगने का काम किया जा रहा था। टेलीग्राम और इंस्टग्राम पर पोस्ट कर आरोपित लोगों से पुरानी करंसी बदलवाने के लिए संपर्क करते थे।

    एसीपी शालीमार गार्डन अतुल कुमार ने बताया कि पुलिस 31 अक्टूबर की रात में पुलिस ने चार आरोपितों को गिरफ्तार कर उनसे कार और 3.85 करोड़ की पुरानी (प्रचलन से बाहर) करंसी बरामद की थी। आरोपितों से पूछताछ में ऐसे गिरोह के बारे में पता लगा, जो 25 फीसद कमीशन पर करंसी को बदलवाने का काम कर रहा था।

    दो आरोपितों एसके उर्फ शारिक निवासी ग्राम जैनुद्दीनपुर थाना हसवर, आंबेडकरनगर और फखरुद्दीन निवासी युसुफ लाल मस्जिद थाना टांडा, रामपुर को पुलिस ने छह नवंबर को लोहिया पार्क के कोने के पास से गिरफ्तार किया। इसके अगले दिन शालीमार गार्डन में ग्रीन पार्क के पास से अभिनव उर्फ राहुल बुद्धिराजा निवासी विष्णु गार्डन थाना तिलकनगर दिल्ली और नसरुद्दीन निवासी युसुफ लाल मस्जिद थाना टांडा, रामपुर का पकड़ा। गिरोह का सरगना अभिनव उर्फ राहुल बुद्धिराजा है।

    तीन स्तर पर काम करता है गिरोह

    एसीपी अतुल कुमार ने बताया कि पूछताछ में आरोपिताें ने बताया कि तीन स्तर पर गिरोह काम करता है। इनमें पैसा इक्ट्ठा करना, उसे सोर्स तक पहुंचाना और करंसी बदलवाने वाले। 30 अक्टूबर को गिरफ्तार हुए शुभम चौधरी, अरुण, महेश प्रसाद, जितेंद्र कुमार पैसा इक्ट्ठा करते थे।

    नसरुद्दीन, मतलूब, मोहम्मद रियाज, वीर सिंह और जितेंद्र अरोड़ इसे एसके और अभिनव तक पहुंचाते थे। रकम के लिए टेलीग्राम और इंस्टग्राम जैसे इंटरनेट प्लेटफार्म पर लोगों से संपर्क किया जाता था। इनसे कमीशन की रकम रुपये बदलवाने वाले एसके या अभिनव लेते थे। बाद में इस कमीशन की रकम को सभी में बांटा जाता था।

    शुरुआत में बदलवाई रकम, बाद में झांसे का खेल

    गिरोह का सरगना पूर्व में फाइनेंस के क्षेत्र में काम कर चुका है। इसके अलावा एक एनजीओ भी यह संचालित करता था। इस एनजीओ के जरिये सभी आरोपित एक-दूसरे के संपर्क में आए। नोटबंदी के कुछ साल बाद कुछ लोगों की छोटी-मोटी रकम को आरोपितों ने बदलवाया लेकिन बाद में सख्ती होने के बाद इनका काम नहीं हुआ।

    इसके बाद सभी ने इंटरनेट मीडिया के जरिये ऐसे लोगों से संपर्क करना शुरू किया, जिनकी रकम नोटबंदी में नहीं बदली जा सकी। एसीपी ने बताया कि रकम लेकर आरोपित केवल कमीशन ले लेते थे और पुरानी करंसी को नहीं बदलवाते थे। डर के चलते लोग इनकी शिकायत नहीं कर पाते थे।

    इसका ही फायदा ये लोग उठाते थे। एडवांस में कमीशन की रकम लेकर ठगना ही गिरोह ने अपना काम बना लिया। एसीपी के मुताबिक आरोपितों ने सीधे आरबीआइ से कभी पुरानी करंसी नहीं बदलवाई है।

    पुरानी करंसी को पास रखते थे आरोपी

    पुरानी करंसी न बदले जाने पर एसके और अभिनव उर्फ राहुल बुद्धिराजा अपने ही पास रख लेते थे। अक्टूबर में भी गिरफ्तार आरोपित इकट्ठा की गई पुरानी करंसी को एसके को सौंपने जा रहे थे। एसीपी अतुल कुमार ने बताया कि अभी तक आठ आरोपित गिरफ्तार किए गए हैं। रकम पहुंचाने वाले कुछ आरोपित फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।