शारीरिक व मानसिक विकास के लिए बच्चों का स्कूल आना जरूरी
जिले के परिषदीय विद्यालयों की कक्षाओं में विद्यार्थि

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जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : जिले के परिषदीय विद्यालयों की कक्षाओं में विद्यार्थियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जो बच्चे कोरोना संक्रमण की वजह से शहर से चले गए थे वह भी वापस आ रहे हैं। बच्चों का कहना है कि अब स्कूल खुल गए हैं तो कक्षाओं में बैठकर पढ़ना अच्छा लग रहा है।
कंपोजिट विद्यालय गांधीनगर में करीब दो बजे कक्षा पांच में पहुंचे तो छात्र-छात्रा साफ सुथरे और ड्रेस पहनकर नजर आए। सभी कक्षा में बैठकर अपना काम कर रहे थे। ज्यादातर बच्चों ने मास्क लगाया हुआ था। विद्यार्थियों ने बताया कि उन्हें भी स्कूल खुलने का इंतजार था। घर पर मोबाइल न होने की वजह से उनकी पढ़ाई नहीं हो पा रही थी। अब दोस्तों के साथ बैठकर कक्षा में पढ़ते हैं तो ज्यादा अच्छा लग रहा है। कक्षा आठ में शिक्षिकाएं मीना मंच कार्यक्रम के अंतर्गत एक्टिविटी कराने की तैयारी कर रही थीं। शिक्षिका ने बताया कि बच्चे सुबह समय से तैयार होकर आ रहे हैं। जो शहर से बाहर चले गए थे उन बच्चों के अभिभावक भी स्कूल में आकर संपर्क कर रहे हैं। घर पर मेरे पास आनलाइन कक्षाओं के लिए मोबाइल नहीं था। जिससे वजह से ठीक से पढ़ाई नहीं हो पा रही थी। अब स्कूल खुल गए हैं तो कक्षा में बैठकर पढ़ाई ठीक से पढ़ाई हो पा रही है।
- अनन्या, छात्रा स्कूल में बैठकर पढ़ाई करना ज्यादा अच्छा लग रहा है। दोस्त के पास बैठकर पढ़ाई कर पा रहे हैं। स्कूल बंद थे तो पढ़ाई भी उतने अच्छे से नहीं हो रही थी।
- दिवाकर कुमार, छात्र घर से ज्यादा स्कूल में आकर पढ़ना ज्यादा अच्छा लगता है। घर पर उतना ठीक से पढ़ाई नहीं हो पाती थी। रोज क्लास में आकर पढ़ेंगे।
- गायत्री, छात्रा स्कूल में कुल 255 विद्यार्थियों का दाखिला है। जिनमें से करीब 68 फीसद बच्चे आ रहे हैं। अब कोरोना संक्रमण की दर नियंत्रित है तो बच्चों को स्कूल भेजने में कोई परेशानी नहीं है। बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बच्चों का स्कूल आना बहुत जरूरी है।
- सुरेश कुमारी, प्रधानाचार्या, कंपोजिट विद्यालय गांधीनगर
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