अपडेट: रेस्क्यू आपरेशन के लिए सी-130जे सुपर हरक्यूलिस तैयार
सौरभ पांडेय साहिबाबाद(गाजियाबाद) उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटकर गिरने के बाद अ ...और पढ़ें

सौरभ पांडेय, साहिबाबाद(गाजियाबाद): उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटकर गिरने के बाद आई आपदा के चलते वायुसेना पूरी तरह तैयार है। हिडन एयरफोर्स स्टेशन में हरक्यूलिस विमान उड़ान भरने के लिए तैयार है। निर्देश मिलने पर किसी भी समय टीम लोगों को रेस्क्यू करने उत्तराखंड के लिए रवाना होगी। हरक्यूलिस विमान छोटे से छोटे रनवे पर उतरने में सक्षम है। यही कारण है कि इसे रेस्क्यू आपरेशन के लिए तैयार किया गया है।
उत्तराखंड के चमोली में आई आपदा के बाद रविवार को हिडन एयरफोर्स स्टेशन से ग्लोबमास्टर विमान राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमों को लेकर उत्तराखंड के लिए रवाना हुआ। ग्लोबमास्टर के साथ ही सी-130जे सुपर हरक्यूलिस विमान को भी आपदा में बचाव कार्य के लिए तैयार कर दिया गया है। चमोली के सबसे करीब गौचर हवाई पट्टी है जिसकी लंबाई करीब 1500 मीटर है। ऐसे में माना जा रहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो गौचर में ही हरक्यूलिस विमान को उतारा जाएगा। वायुसेना के अधिकारियों ने बताया कि परिस्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है। जरूरत पड़ी तो लोगों के बचाव के लिए हरक्युलिस विमान को रवाना किया जाएगा।
सबसे छोटे रनवे पर उतरने में सक्षम है विमान: हरक्यूलिस विमान की खासियत है कि यह महज 1500 मीटर के छोटे रनवे पर भी उतर सकता है। इतना ही नहीं यह विमान अधूरे रनवे पर भी उतरने में सक्षम है। दुनिया की सबसे ऊंची लद्दाख की दौलत बेग हवाई पट्टी पर भी वायुसेना इसे उतार चुकी है। इस हवाई पट्टी की लंबाई भी करीब 1600 मीटर की है।
एमआइ-17 हेलीकाप्टर भी तैयार: हरक्यूलिस विमान के साथ ही वायुसेना ने एमआइ-17 हेलीकाप्टरोंको भी स्टैंडबाई पर रखा है। बचाव व राहत कार्य के लिए एमआइ-17 हेलीकाप्टरों को भी रवाना किया जा सकता है।

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