आंखों में जलन और गले में खरास, 'जहरीली' हवा से गाजियाबाद के लोगों का घुट रहा दम; AQI 300 के पार
हवा की गति बढ़ने से गाजियाबाद में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है, लेकिन हवा अभी भी 'बेहद खराब' श्रेणी में है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनु ...और पढ़ें

बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र में फैक्ट्री की चिमनी से निकलता धुआं। जागरण
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। हवा की गति बढ़ने से प्रदूषण से के स्तर में मंगलवार को गिरावट आई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, गाजियाबाद जिले का एक्यूआई 332 बेहद खराब श्रेणी में दर्ज किया गया। हालांकि, अभी भी हवा बेहद खराब श्रेणी में होने से लोगों की सांसों पर जहरीली हवा का संकट बरकरार है।
सीपीसीबी के अनुसार, सोमवार को जिले का एक्यूआई 444 दर्ज किया गया था। मंगलवार को हवा की औसतन गति 15 किलोमीटर प्रतिघंटा और हवा के झोंके 30 किलोमीटर प्रतिघंटा रहे। इससे जिले के एक्यूआई में 112 अंक की गिरावट आई है।
इससे लोगों को थोड़ी राहत जरूर मिली है, लेकिन हवा अभी भी बेहद खराब श्रेणी में बरकरार है। वायुमंडल में दिनभर धुंध छाई रही। इससे लोगों की आंखों में जलन व गले में खरास की समस्या बनी रही।
वहीं, लोनी, संजय नगर व वसुंधरा क्षेत्र की हवा भी बेहद खराब श्रेणी में रही। केवल संजय नगर के लोगों को राहत रही। यहां का एक्यूआइ खराब श्रेणी में रहा। अधिकारियों का कहना है कि हवा की गति बढ़ने के साथ ही मौसम में नमी भी कम है। धूल के कारण उड़ने के कारण वायु प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है।
ग्रेप के नियमों का नहीं हो रहा पालन
एनसीआर में ग्रेप (ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान) का चौथा चरण लागू है, लेकिन ग्रेप की पाबंदियों का पालन नहीं किया जा रहा है। अगर ग्रेप के नियमों का पालन होता तो एक्यूआइ में और गिरावट आ सकती थी। पानी का छिड़काव भी इक्का-दुक्का सड़कों पर होता दिखाई दिया।
वहीं, खुले में बिक रही निर्माण सामग्री, जगह-जगह होते निर्माण कार्य, अवैध फैक्ट्रियों का संचालन, रेस्टोरेंट व ढाबा में जलता कोयला आदि भी प्रदूषण को बढ़ावा दे रहे हैं।
| तारीख | AQI | श्रेणी |
|---|---|---|
| 11 दिसंबर | 343 | बहुत खराब (Very Poor) |
| 12 दिसंबर | 363 | बहुत खराब (Very Poor) |
| 13 दिसंबर | 430 | गंभीर (Severe) |
| 14 दिसंबर | 459 | गंभीर (Severe) |
| 15 दिसंबर | 444 | गंभीर (Severe) |
जिले में प्रदूषण के स्तर में लगातार गिरावट आ रही है। आने वाले दिनों में और राहत मिलने की उम्मीद है। सभी विभाग अपने स्तर से भी कार्रवाई में जुटे हुए हैं। - अंकित सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, यूपीपीसीबी

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