गाजियाबाद: ऑटो पार्ट्स फैक्ट्री में क्रेन हादसे में दो मजदूरों की दर्दनाक मौत
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के निवाड़ी में एक ऑटो पार्ट्स फैक्ट्री में क्रेन टूटने से दो कामगारों की मौत हो गई और दो गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतकों की ...और पढ़ें
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ऑटो पार्टस फैक्ट्री में क्रेन के नीचे दबने से दो कामगार की मौत हो गई।
जागरण संवाददाता, निवाड़ी। निवाड़ी थाना क्षेत्र के सिबली औद्योगिक क्षेत्र में सोमवार शाम ऑटो पार्टस फैक्ट्री में क्रेन के नीचे दबने से दो कामगार की मौत हो गई। जबकि दो ही हालत अस्पताल में गंभीर बनी है। हादसा काम करते समय क्रेन का हुक टूटने से हुआ।
सूचना पर मृतक के स्वजन मौके पर पहुंचे और फैक्ट्री मालिक पर कार्रवाई व मुआवजे की मांग को लेकर हंगामा किया। पुलिस से उनकी खूब नोकझोंक हुई। किसी तरह स्वजन को शांत कर पुलिस ने शव पोस्टमार्टम को भेजे।
निवाड़ी थानाक्षेत्र में दिल्ली मेरठ मार्ग पर सिबली औद्योगिक क्षेत्र परिसर में केईजीएन आटो मोबाइल प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री है। यहां वाहनों के पार्ट्स तैयार किये जाते हैं। करीब 85 कर्मचारी यहां काम करते है। सोमवार शाम को फैक्टरी में हाइड्रा क्रेन से लोहे के फ्रेम उठाये जा रहे थे।
इसी बीच क्रेन का हुक टूट गया, जिससे नीचे काम कर रहे चार कामगार क्रेन के नीचे दब गए। मौके पर अफरातफरी मच गई। आनन फानन में चारों को अस्पताल ले जाया गया, जहां कामगार मुरादनगर के प्रीत विहार के 45 वर्षीय आजाद और मुरादनगर के मलिक नगर के 19 वर्षीय शाहिद अंसारी को मृत घोषित कर दिया गया। जबकि घायल कामगार अयान व सलीम को हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया।
मौत की सूचना पर स्वजन व बड़ी संख्या में लोग फैक्ट्री में पहुंचे और हंगामा शुरू कर दिया। आरोप लगाया कि फैक्ट्री में बिना सुरक्षा उपकरणों के कामगारों से काम कराया जा रहा था। स्वजन ने फैक्ट्री परिसर में ही शव रखकर जमकर नारेबाजी की। फैक्ट्री मालिक की गिरफ्तारी व उचित मुआवजा मिलने पर ही शव पोस्टमार्टम को भेजने की चेतावनी दी।
पुलिस ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन गुस्सा स्वजन मांग पर अड़े रहे। हंगामा बढ़ने पर थाने से पुलिसबल मौके पर बुलाया गया। एसएचओ निवाड़ी ने किसी तरह समझाकर लोगों को शांत किया। उचित कार्रवाई कराने की भरोसा दिया। करीब दो घंटे तक हंगामा चला। इसके बाद शव पोस्टमार्टम को भेजे गए।
साहब कमजोर थी बेल्ट, कई बार की थी शिकायत
मौके पर कामगारों ने पुलिस को बताया कि साहब क्रेन की बेल्ट कमजोर हो चुकी थी। वह काफी पुरानी हो चुकी थी। कई बार बेल्ट बदलने के लिए फैक्ट्री मालिक व सुपरवाइजर से शिकायत की गई थी। लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। इसी लापरवाही का खामियाजा अब अब कामगारों को भुगतना पड़ा है।
कामगारों की कमाई से होता था गुजारा
दोनों कामगारों के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। इन्हीं की कमाई से परिवार का गुजारा होता था। मृतक शाहिद परिवार में अकेले कमाने वाले थे। पूरे परिवार की उनपर जिम्मेदारी थी। अब शाहिद की मौत के बाद परिवार के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। वहीं, मृतक आजाद पर पत्नी रुबीना, 12 वर्षीय बेटे अज्जु,छह वर्षीय बेटे उवेद व आठ वर्षीय बेटी इफरा के पालन की जिम्मेदारी थी।
दोनों शव पोस्टमार्टम को भेज दिए गए हैं। फिलहाल कोई शिकायत नहीं मिली है। शिकायत के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। - अमित सक्सेना, एसीपी मोदीनगर

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