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    गलती से एएसडी सूची में शामिल हो जाए मतदाता का नाम तो करें शिकायत, किया जाएगा सुधार : गाजियाबाद एडीएम

    Updated: Thu, 04 Dec 2025 09:44 AM (IST)

    गाजियाबाद के एडीएम ने कहा है कि यदि किसी मतदाता का नाम गलती से एएसडी सूची में आ जाता है, तो वे शिकायत दर्ज करा सकते हैं। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया क ...और पढ़ें

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    राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करते एडीएम एफआर सौरभ भट्ट। सौ. प्रशासन

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। यदि किसी मतदाता का नाम गलती से एएसडी सूची में शामिल हो गया है तो उसकी जानकारी ईआरओ को उपलब्ध कराई जाए। ईआरओ द्वारा रोल बैक करके मतदाता का नाम एएसडी सूची से बाहर निकालकर मतदाता सूची में शामिल कराया जाएगा। यह अपील एडीएम एफआर सौरभ भट्ट ने बुधवार को राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों के साथ बैठक में की।

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    उन्होंने कहा कि सभी बीएलओ द्वारा मृत, शिफ्टेड, अनुपस्थित और डुप्लीकेट मतदाताओं की सूची तैयार की जा रही है, जिसे एएसडी नाम दिया गया है। इस सूची में यदि गलती से किसी ऐसे मतदाता का नाम शामिल हो जाता है जो कि गलत है तो उसको सही कराने के लिए ईआरओ के पास अधिकार है, वह रोल बैक करके फार्म को दोबारा बीएलओ के पास भेजेगा, बीएलओ द्वारा मतदाता का नाम मतदाता सूची में शामिल किया जाएगा।

    उन्होंने बताया कि जिन बूथों पर 40 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं का नाम एएसडी सूची में शामिल हो रहा है, वहां पर छह बूथों पर एक अधिकारी की ड्यूटी सत्यापन के लिए लगाई गई है। अधिकारी का कार्य कम से कम 50 घरों में जाकर एएसडी सूची का सत्यापन करना है। जिले में कुल 102 अधिकारियों की ड्यूटी एएसडी सूची के सत्यापन के लिए लगाई गई है।

    राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने बताया कि दिल्ली से सटे क्षेत्र में कई मतदाता ऐसे हैं, जो कि दो जगह मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करवा चुके हैं। खोड़ा, मकनपुर की घनी आबादी में बड़ी संख्या में ऐसे मतदाता रहते हैं जिनके पते अब बदल गए हैं। एडीएम ने बताया कि ऐसे मतदाताओं की तलाश कर उनका गणना प्रपत्र जमा कराने के लिए नगर निकायों के कर्मचारियों की मदद ली जा रही है।

    अकेले साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची में लगभग पांच लाख मतदाता ऐसे हैं, जिनका नाम मतदाता सूची से कट सकता है। इस विधानसभा क्षेत्र में रहने वाले बड़ी संख्या में मतदाता एक जगह से दूसरी जगह जाकर रहने लगे हैं।

    एडीएम ने बताया कि अब लगभग 49 प्रतिशत मतदाताओं के गणना प्रपत्र डिजिटाइज किए जा चुके हैं, जिन मतदाताओं ने अभी गणना प्रपत्र जमा नहीं किया है, उनसे गणना प्रपत्र जमा कराने में राजनीतिक दलों द्वारा बनाए गए बीएलए सक्रिय होकर बीएलओ की मदद करें, जिससे कि एसआईआर का कार्य समय पर पूरा हाे सके।