आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन पर रिश्वत लेने के मामले में चीफ पार्सल सुपरवाइजर को 4 साल कैद की सजा, 10 हजार जुर्माना भी
आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन पर रिश्वत लेने के मामले में चीफ पार्सल सुपरवाइजर को दोषी पाया गया है। भ्रष्टाचार के इस मामले में उन्हें 4 साल की कैद की सजा सु ...और पढ़ें
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प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। सीबीआइ कोर्ट ने आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन पर तैनात रहे तत्कालीन चीफ पार्सल सुपरवाइजर रजनीश चाहर उर्फ रजनीश कुमार सिंह को रिश्वत लेने का दोषी करार देते हुए चार वर्ष कारावास की सजा सुनाई। सीबीआइ की विशेष कोर्ट के न्यायाधीश अंजनी कुमार ने अभियुक्त पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
सीबीआइ ने एक जनवरी 2016 को यह मामला दर्ज किया था। रजनीश चाहर रेलवे स्टेशन आगरा में चीफ पार्सल सुपरवाइजर के पद तैनात था। वह अपने पद दुरुपयोग करते हुए अवध एक्सप्रेस, आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन पर लोडिंग-अनलोडिंग के काम करने के लिए हर माह आगरा के मोहम्मद अकरम से छह हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा था।
अकरम ने इसकी शिकायत सीबीआइ की थी। सीबीआइ ने जाल बिछाया और आरोपित रजनीश को रिश्वत मांगते और लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। आरोपित के हाथ और पेंट की जेब की रासायनिक जांच में घोल का रंग बदल गया था। इससे रिश्वत लेने की पुष्टि हुई थी। साक्ष्य के रूप में बरामद नकदी के नंबरों का मिलान किया गया जो मेल खा गए।
सीबीआइ ने कोर्ट में 26 फरवरी 2016 को चार्जशीट दाखिल की थी। सीबीआइ कोर्ट ने सोमवार को गवाहों और साक्ष्य के आधार पर सुपरवाइजर को दोषी करार देते हुए चार वर्ष की सजा सुनाई।

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