मां... कहां हो? मासूम बच्ची की सिसकियों में गूंज उठा गाजियाबाद रेलवे स्टेशन
गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर लावारिस मिली एक साल की बच्ची को गोद लेने के लिए एक दंपती सामने आया, जो 20 साल से निसंतान हैं। आरपीएफ ने कानूनी प्रक्रिया का हवाला देते हुए बच्ची को गोद देने से मना कर दिया। बच्ची को बाल आश्रम में रखा गया है और उसके परिवार का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। रेलवे स्टेशन पर एक वर्षीय बच्ची लावारिस हालत में मिली। बच्ची काफी देर तक स्टेशन पर रोती रही। आरपीएफ ने बच्ची को रेस्क्यू किया। तभी एक दंपती को बच्ची के मिलने का पता चला तो उन्होंने उसे गोद लेने की इच्छा जाहिर की। दंपती ने कहा कि वह बच्ची की परवरिश अच्छे से करेंगे लेकिन आरपीएफ ने कानून का हवाला देते हुए बच्ची को गोद देने से मना कर दिया। 
रेलवे स्टेशन के सिटी साइड में एक वर्ष की बच्ची जमीन पर रो रही थी। यात्रियों को लगा किसी ने अपनी बच्ची को यहां लिटा दिया है। ज्यादातर यात्रियों ने बच्ची के रोने पर ध्यान नहीं दिया। पास में ही एक वेंडर था। उसने देखा की बच्ची को काफी देर राेते हुए हो गई लेकिन किसी ने उसे उठाया नहीं है। वेंडर ने इसकी सूचना आरपीएफ काे दी। मौके पर पहुंची आरपीएफ ने बच्ची को रेस्क्यू कर एनजीओ रेलवे चिल्ड्रन इंडिया को सौंप दिया। लावारिस बच्ची मिलने की जानकारी एक दंपती को हुई तो वह उसे गोद लेने के लिए पहुंच गए।
उन्होंने आरपीएफ को बच्ची को गोद लेने की गुजारिश की। दंपती ने कहा कि शादी के 20 वर्ष बाद उन्हें संतान नहीं हुई है। वह बच्ची को गोद लेकर उसे आला दर्जे की तालीम दिलाएंगे। उसकी अच्छी परवरिश करेंगे। आरपीएफ थाना प्रभारी चेतन प्रकाश ने बताया कि बच्ची को गोद देने की अलग प्रक्रिया होती है। वह कानूनी रूप से बच्ची को गोद नहीं दे सकते हैं। दंपती काफी देर तक बच्ची को गोद लेने के लिए रुके रहे। बाद में वह मायूस लौट गए।
बच्ची को घरौंदा बाल आश्रम में रखा गया
रेलवे चिल्ड्रन इंडिया के सीनियर प्रोग्राम मैनेजर अफसार अहमद खां ने बताया कि बच्ची को सीडब्ल्यूसी के मुताबिक घरौंदा बाल आश्रम रखा गया है। बच्ची के स्वजन का पता लगाने के लिए अनाउंसमेंट भी किया गया था। काफी प्रयास के बाद भी भी बच्ची के स्वजन नहीं मिल सके। आसपास के लोगों से भी बच्ची के बारे में पूछा गया है।
घर से नाराज होकर रेलवे स्टेशन पहुंचे दो बच्चे
आरपीएफ थाना प्रभारी चेतन प्रकाश ने बताया कि सहायक उप निरीक्षक ओवेंद्र सिंह व सहायक उप निरीक्षक सुनील कुमार शनिवार को गश्त कर रहे थे। तभी प्लेटफार्म नंबर चार पर दो बच्चों मोबाइल चलाते मिले। शक के आधार पर पूछताछ करने पर दोनों बच्चों ने बताया कि वह अशोक विहार, लोनी के निवासी है।
दोनों अपने स्वजन से नाराज होकर घर से भाग आए हैं। बच्चों ने स्वजन का मोबाइल नंबर बताया। फोन कर स्वजन को रेलवे स्टेशन बुलाया गया और दोनों बच्चों को उनके स्वजन को सौंप दिया। वहीं एक बच्ची माता-पिता से नाराज होकर गौरखपुर से गाजियाबाद रेलवे स्टेशन पर पहुंची। बच्चे के स्वजन को सूचना दी गई। सीडब्ल्यूसी के अनुसार बच्ची को वन स्टाप सेंटर पर रखा गया है।

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