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    खुशखबरी: अब नहीं नापनी पड़ेगी दूरी, महिला शिक्षामित्रों को मिलेगा ससुराल के पास स्कूल

    Updated: Thu, 11 Dec 2025 08:50 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश की महिला शिक्षामित्रों के लिए खुशखबरी है। अब उन्हें ससुराल से दूर स्कूल में नौकरी नहीं करनी पड़ेगी। बेसिक शिक्षा विभाग ने महिला शिक्षामित ...और पढ़ें

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    दीपा शर्मा, गाजियाबाद। परिषदीय विद्यालयों में तैनात शिक्षामित्रों के लिए एक राहत से भरा शासनादेश जारी हुआ है। जिसमें शिक्षामित्रों की मूल विद्यालयों में समायोजन कर वापसी की प्रक्रिया शुरू करने के आदेश दिए गए हैं। शिक्षामित्र समायोजन प्रक्रिया में ऐसी महिला शिक्षामित्रों को सबसे ज्यादा राहत मिलेगी, जिन्हें ससुराल से बच्चों को पढ़ाने के लिए नियमित मायके के स्कूल में आना पड़ता है।

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    जिले में कुल 466 शिक्षामित्र तैनात हैं। इनमें बड़ी संख्या में ऐसी महिला शिक्षामित्र हैं जो भर्ती के समय अविवाहित थीं, लेकिन कुछ ही सालों में उनका विवाह किसी अन्य जिले या शहर के दूसरे क्षेत्र में हो गया। इससे कई ने नौकरी छोड़ दी तो कुछ को नियमित बच्चों को पढ़ाने के लिए ससुराल से मायके आना पड़ता है।

    अब शासन की ओर से आदेश जारी करते हुए ऐसी महिलाओं को विशेष तौर पर राहत दी है। महिला शिक्षामित्रों को अन्य ग्राम पंचायत एवं न्याय पंचायत में समायोजन का विकल्प मिलेगा। तीसरे चरण में ऐसी महिला शिक्षामित्रों को अंतर जनपदीय जहां उनका ससुराल है उस जनपद में विवाह प्रमाण पत्र और पति के पहचान पत्र के आधार पर समायोजन का विकल्प मिलेगा।

    समायोजन को लेकर जिले में जो शिक्षामित्र हैं, उनको जारी प्रारूप के आधार पर जानकारी प्राप्त की जाएगी। आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष अमरेंद्र दुबे, शिक्षामित्र दुष्यंत कुमार, रिजवान राणा, राजेश त्यागी, ऋषिपाल, सुदेश तेवतिया, रामकिशोर गौतम आदि का कहना है कि इस शासनादेश के लिए लंबे समय से मांग कर रहे थे। जिले में बड़ी संख्या में शिक्षामित्रों को राहत मिलने की उम्मीद है।

    2014 में शिक्षकों के पद देकर किया गया था समायोजन

    शिक्षामित्रों को 2014 में सहायक अध्यापकों के पद पर तैनात करते हुए उनको मूल तैनाती से अन्य ब्लाक एवं जिलों में स्थानांतरण कर दिया गया था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक के पद समाप्त कर दिए गए।

    बड़ी संख्या में शिक्षक जहां सहायक अध्यापक के पद पर तैनात किए गए थे वे वहीं रह गए। दूर दराज के विद्यालयों में तैनात बड़ी संख्या में शिक्षामित्रों से नौकरी छोड़ दी थी। कुछ शिक्षामित्र पद बहाल होने की आस लेकर अभी तक नौकरी कर रहे हैं। शिक्षामित्र लंबे समय से मूल विद्यालयों में समायोजन की मांग कर रहे थे।


    शिक्षामित्रों की मूल विद्यालयों में वापसी एवं महिला शिक्षामित्रों के विशेष समायोजन की प्रक्रिया शुरू करने को लेकर शासन की ओर से आदेश मिले हैं। आदेशानुसार जल्दी ही प्रक्रिया शुरू की जाएगी।


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    - ओपी यादव, बेसिक शिक्षा अधिकारी गाजियाबाद

    मयूर विहार डासना के परिषदीय विद्यालय में कार्यरत हूं। मेरा विवाह दनकौर, नोएडा में होने से बच्चों को पढ़ाने के लिए रोजाना दनकौर से डासना आती हूं। घर से पांच किलोमीटर दूर आकर ट्रेन से सफर करना पड़ता है। ट्रेन से उतरकर पैदल या आटो से स्कूल तक पहुंचते हैं। ससुराल के नजदीक स्कूल में समायोजन होने से भागदौड़ से राहत मिलेगी।


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    - आशा मौर्य, महिला शिक्षामित्र, परिषदीय विद्यालय मयूर विहार डासना

    मायका में प्राथमिक विद्यालय ताज कालोनी मसूरी में कार्यरत हैं। मेरा विवाह सिंभावली सिखेड़ा में होने की वजह से प्रतिदिन करीब 45 किलोमीटर दूर बच्चों को स्कूल में पढ़ने के लिए मसूरी आना जाना पड़ता है। समायोजन होने से बड़ी राहत मिलेगी।


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    - शबाना, महिला शिक्षामित्र, प्राथमिक विद्यालय ताज कालोनी मसूरी