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    हिदी मीडियम से की 12वीं, 10 साल संघर्ष के बाद बने सीए

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 11 Feb 2022 10:30 PM (IST)

    दीपा शर्मा गाजियाबाद आइसीएआइ द्वारा बृहस्पतिवार को सीए फाइनल का परिणाम जारी कर दिया गया।

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    हिदी मीडियम से की 12वीं, 10 साल संघर्ष के बाद बने सीए

    दीपा शर्मा, गाजियाबाद : आइसीएआइ द्वारा बृहस्पतिवार को सीए फाइनल का परिणाम जारी कर दिया गया। जिसमें जनपद के भी कुछ विद्यार्थियों ने सफलता हासिल की है।

    जनपद के कुछ ऐसे ही सफलता प्राप्त होनहारों से जागरण संवाददाता ने की बात।

    मूल रूप से अलीगढ़ स्थित जट्टारी गांव निवासी कृष्णा वर्मा ने हिदी मीडियम से 12वीं की तो सोचा नहीं था कि वह सीए बन जाएंगे। आइपीसीसी में लगातार पांच साल असफलता के बाद भी उन्होंने अपनी मेहनत और उम्मीद नहीं छोड़ी। 2015 में आइपीसीसी में सफलता मिली और 10 साल संघर्ष के बाद अब सीए फाइनल कर लिया।

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    उनका कहना है कि हिदी मीडियम होने की वजह से उन्हें शुरुआत में अंग्रेजी भी चुनौती थी। जिसकी लिए डिक्शनरी की मदद ली और नियमित अभ्यास किया।

    कृष्णा वर्मा के पिता राजकुमार वर्मा की अपने गांव में ही दुकान है और मां गीता रानी गृहणी हैं। चार बार उन्हें असफलता मिली तो हर बार घर पर बताने में उन्हें काफी दुख होता, लेकिन घर में मां-पिता और अन्य स्वजन असफलता के बावजूद उनका हौसला बढ़ाते रहे। 2015 में आइपीसीसी में सफलता के कविनगर निवासी सीए रजत मिगलानी ने तैयारी में काफी मदद की और घर में भी रखा। उनका कहना है कि सफलता में दादी माया वर्मा का बड़ा योगदान है।

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    हर दिन लक्ष्य बनाकर तैयारी से सफलता

    घंटाघर,नई बस्ती की रहने वाली मोहिनी गोयल ने हर दिन सिलेबस के छोटे-छोटे गोल बनाकर तैयारी की और सीए फाइनल में सफलता हासिल कर ली। कामर्स से 12वीं के बाद नोएडा स्थित आइएमएस कालेज से बीबीए किया और तैयारी शुरू कर दी थी।

    मोहिनी गोयल के पिता यशवनी गोयल दवा व्यापारी हैं और मां वीना गोयल गृहणी हैं। मोहिनी ने बताया कि 2016 में उन्होंने आइपीसीसी क्लियर किया। साथ ही घर पर हर दिन सिलेबस का लक्ष्य बनाकर पूरा किया। उनका कहना है तैयारी के दौरान कांसेप्ट क्लियर होना जरूरी है। हर दिन करीब 10 घंटे पढ़ाई की।