फसलें जलमग्न, कई गांवों में पानी आने का खतरा... फिरोजाबाद में खतरे के निशान से ऊपर बह रही यमुना
फिरोजाबाद में हथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए पानी और बारिश के कारण यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया है। कई गांवों में पानी घुसने का खतरा बढ़ गया है और किसानों की फसलें डूब गई हैं। किसान मेड़बंदी कर पानी रोकने का प्रयास कर रहे हैं पर विफल हो रहे हैं। प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है।

जागरण टीम, फिरोजाबाद। हथिनी कुंड बैराज से लगातार छोड़े जा रहे पानी और वर्षा से यमुना अपना रौद्र रूप दिखाने लगी है। पानी खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गया। तेज बहाव में खादरों की जमीन कटकर यमुना में समा रही है।
ग्रामीण बोरियों में मिट्टी भरकर कटान रोकने का प्रयास कर रहे हैं, किंतु सफल नही हो रहे। अगले दो-तीन दिनों में पानी और बढ़ने की आशंका से किसान चिंतित हैं। उन्होंने सुरक्षित स्थान पर घरेलू सामान पहुंचाना शुरू कर दिया है।
दो-तीन दिन और बढ़ने की आशंका से बढ़ रहीं धड़कनें
यमुना तटवर्ती गांव नगला केसों, अनवारा, रसूलाबाद, रामगढ़ के कई किसानों की बाजरा, मक्का, तिलहन, ज्वार व सब्जियों की फसल नष्ट हो गई हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वर्ष 2023 में भी इसी तरह खादर की फसलें डूब गई थीं, लेकिन किसी किसानों को मुआवजा नहीं मिला था। डरे-सहमे किसान रातभर यमुना के बढ़ते जल स्तर पर नजर रखे रहे हैं। बढ़ते जलस्तर से खादर की खेती में तेजी से कटान हो रहा है।
हथिनीकुंड से छोड़ा जा रहा है पानी, वर्षा से भी मुसीबत
किसान दिनभर मेड़बंदी कर पानी रोकने का प्रयास करते रहे, किंतु प्रयास असफल रहा है। विगत तीन दिन के अंदर करीब छह से आठ फीट पानी बढ़ा है। ग्रामीण यमुना में बढ़ रहे यमुना के जल स्तर पर लगातार नजरें बनाए हुए हैं। ग्रामीण रामगोपाल, प्रेमचंद, भजनलाल, नाहर सिंह, मुकुट सिंह, माया देवी का कहना है कि पशुओं के लिए चारा भी नहीं आ पा रहा है।
इन गांवों में पानी घुसने का खतरा
जिस रफ्तार से यमुना जलस्तर बढ़ रहा है। उससे नगला केशों, रुधऊ मुस्तकिल, अनवारा, जटपुरा, बालमपुर, रसूलाबाद, गदलपुरा, रामगढ़, बजहेरा, नगला काले, कुतुकपुर साहब, ठार डेका, ठार वर, ठार हरवंस, नगला राजपति, ग्वारई, घुरुकूआ, नगला नंदा, नगला मूसटा, नियामतपुर, ग्वारई, बाबा जयश्री आश्रम आदि गांव में पानी घुसने का खतरा है।
आश्रम आने जाने का रास्ता हुआ बंद
यमुना के बढ़ते जल स्तर को लेकर नगला सिंघी क्षेत्र के ग्वारई के पास प्राचीन महेश्वर नाथ आश्रम तक आने जाने का रास्ता बंद हो गया है। यमुना का पानी आश्रम के चारों ओर भर गया है। मंदिर में महंत महेशानंद गिरि महाराज, सियाराम गिरि व पार्वती नाथ फंसे हुए हैं। महेशानंद ने बताया कि यमुना का पानी मंदिर से टकराने लगा है। यदि जल स्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो मंदिर के अंदर भी पानी प्रवेश कर सकता है।
यमुना का जल स्तर अबकी बार तेजी से बढ़ा है। जिसका असर नगला सिंघी क्षेत्र के गांवों में भी देखने को मिल रहा है। यमुना की ओर बच्चों के जाने पर पाबंदी लगा दी है, जिससे किसी प्रकार की कोई अनहोनी न हो। -रामस्वरूप, रसूलाबाद
यमुना में पानी बढ़ने से फसलें पहले ही डूब गई थीं। उम्मीद नहीं थी कि इतना पानी आ जाएगा। खतरे के निशान को भी पानी पार कर चुका है। बताया जाता है कि पीछे से पानी और छोड़ा गया है। वह आएगा तो मुश्किल हो जाएगी।-तिवारी लाल, छाहरी
यमुना किनारे भी तमाम लोगों ने अपने रहने के लिए मकान बनवा लिए हैं। हालांकि अधिकारी लगातार निगरानी कर रहे हैं। सबसे बड़ी परेशानी पशुओं के चारे के लिए हो रही है। खेतों में पानी भर गया है। हरा चारा आ नहीं आ पा रहा।-प्रेमसिंह, ठार बल्दी
यमुना के बढ़ते जल स्तर पर लगातार नजरें बनाए हुए हैं। कुछ दिन पहले तक तो दिन में ही नजर रखते थे लेकिन अब रात में भी निगरानी करनी पड़ रही है। जिससे रात में अचानक पानी आ जाए और बाहर निकलने का मौका ही न मिले। -मूलचंद, ठार बल्दी
यमुना के बढ़ते जल स्तर पर हम नजरें बनाए हुए हैं। जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। हमने तहसीलदार और लेखपाल को मौके पर भेजा था। हालांकि अभी तक ऐसा नहीं है कि यमुना का पानी किसी गांव में प्रवेश कर रहा हो। - अंकित वर्मा, एसडीएम
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