रास्ते बंद और घरों में घुसा पानी, फिरोजाबाद में यमुना का जलस्तर बढ़ने से कई गांवों में बाढ़ के हालात
फिरोजाबाद में हथिनी कुंड से छोड़े गए पानी से यमुना नदी उफान पर है जिससे भैंसाबाट और रामदासपुरा गढ़ी जैसे कई गांव जलमग्न हो गए हैं। ग्रामीणों के घरों में पानी घुसने से उन्हें पलायन करना पड़ रहा है और फसलें बर्बाद हो गई हैं। ग्रामीण पिछले चार दशकों में ऐसी स्थिति पहली बार देख रहे हैं।

जागरण संवाददाता, फिरोजाबाद। हथिनी कुंड से छोड़ गए पानी से यमुना अपनी और गांवों की दहलीज लांघ गई है। सैकड़ों बीघा फसल डूब चुकी है। सदर तहसील क्षेत्र के गांव भैंसाबाट, रामदासपुरा गढ़ी सहित कई गांव चारों ओर पानी से घिर गए हैं।
रास्ते बंद हो गए हैं। यमुना का पानी दर्जनों घरों में घुस गया है, जिससे ग्रामीण पलायन कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन की मदद अभी उन तक नहीं पहुंची है। सोमवार को दैनिक जागरण की टीम ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हाल देखा तो स्थिति चिंताजनक मिली।
भैंसाबाट, रामदासपुरा गढ़ी चारों ओर पानी से घिरे, नहीं पहुंची प्रशासन की मदद
टीम सुबह 11 बजे चंद्रवाड़ ग्राम पंचायत में शामिल भैंसाबाट पहुंची तो सड़क पर जलभराव के कारण वाहन 100 मीटर पहले छोड़ने पड़े। घुटने तक पानी में घुसकर पहुंचे तो भैंसाबाट जाने वाला मार्ग पूरा डूबा मिला। उसके पास प्रधान प्रतिनिधि मनोज कुमार, बसई मुहम्मदपुर की प्रधान निहारिका वर्मा, पंचायत सचिव अजय पाल और लेखपाल पवन कुमार खड़े मिले।
कंथे पर फावड़ा और हाथ में चप्पल पकड़े मायाराम उसी पानी में से होते हुए परिवार सहित आ रहे थे। बोले घर में यमुना घुस आई है, इसलिए टीले पर जा रहे हैं। गांव में अंदर जाने के लिए कोई मार्ग नहीं था। ऐसे में प्रधान प्रतिनिधि तौलिया लपेट कर पानी में घुस गए। जागरण की टीम को ऊंट पर बैठकर जाना पड़ा। जैसे तैसे अंदर पहुंचे तो ग्रामीण कोई मदद आने की आस में बैठे मिले।
पानी घरों में घुस आया
अमर सिंह ने बताया कि रात में पानी उनके घर में घुस आया। सुरेश चंद्र ने बताया कि सौ बीघा से अधिक बाजरा, तोरई और मूली की फसल डूब कर बर्बाद हो चुकी है। बड़ी मात्रा में भूसा, चारा और अनाज भी बर्बाद हो गया। कुछ देर बाद सचिव और लेखपाल के साथ प्रभारी बीडीओ जितेंद्र यादव भी ट्रैक्टर में बैठकर वहां पहुंचे और प्रभावित परिवारों की सूची बनने का काम शुरू किया।
रामदासपुरा गढ़ी में चारों ओर से घिरे एक दर्जन से अधिक मकान
भैंसाबाट से हमारी टीम दोपहर सवा बजे 10 किमी दूर रामदासपुरा पहुंची तो वहां हालत और भी खराब मिले। सड़क किनारे बने वीपी सिंह के घर के चारों ओर तो पानी था ही उनके घर में भी यमुना हिलोरे मार रही थी। ऐसे में परिवार के सदस्य गृहस्थी का सामान छत पर पहुंचा रहे थे। यहां से 20 कदम आगे मुन्नीलाल का घर भी चारों ओर से पानी से घिरा था।
उन्होंने बताया कि रात में अचानक पानी आग गया। सड़क किनारे परचून की दुकान से सामान निकालने तक का समय नहीं मिला। ग्रामीणाें ने बताया कि पिछले चार दशकों में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। मुन्नीलाल के घर से आगे सड़क पर इतना पानी भरा था कि आगे जाना संभव नहीं था, लेकिन दूर से दर्जनभर से अधिक घर पानी से घिरे दिख रहे थे।
इन गांवों में हालात खराब
भैंसाबाट, मालीपट्टी, उस्मानपुर, मढ़ुआ, अंते की मढ़ैया, आनंदीपुर करकौली, अगरूपुरा, फरौल नगरिया, सोफीपुर।
निचले क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीण सुरक्षित स्थान पर सामान पहुंचने लगे
टूंडला तहसील क्षेत्र में सोमवार को यमुना का जलस्तर दो फीट और बढ़ गया। जिससे लोगों के घरों में पानी घुस गया। निचले क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीण सुरक्षित स्थान पर सामान पहुंचने लगे हैं। हालात पर नजर रखने और आपदा की स्थिति में राहत कार्य के लिए सेना की पैरा ब्रिगेड बुला ली गई है। बजहेरा स्थित ठार जेपी बाबा आश्रम पूरी तरह से यमुना के पानी से घिर गया है। घरों तक पानी न पहुंचें, इसे लेकर ग्रामीण विजेंद्र सिंह व पप्पू वर्मा द्वारा मिट्टी डालकर रोक लगाई गई है। ग्वारई में अशोक धाकरे, महावीर धाकरे, रामनरेश धाकरे, नरेंद्र धाकरे के मकान यमुना के पानी से घिर गए हैं।
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