UP Flood: तेज बारिश ने यूपी में फिर बढ़ाया बाढ़ का खतरा, यमुना के पानी को देखते हुए अलर्ट जारी
हथिनी कुंड और गोकुल बैराज से छोड़े गए पानी से यमुना नदी का जलस्तर बढ़ गया है जिससे टूंडला के आसपास के गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। प्रशासन ने ग्रामीणों को सतर्क रहने और जरूरी सावधानियां बरतने की सलाह दी है। किसानों की फसलें पहले ही बर्बाद हो चुकी हैं और ग्रामीणों को डर है कि जलस्तर बढ़ने से उनके घरों में भी पानी घुस सकता है।
जागरण संवाददाता, टूंडला। हथिनी कुंड एवं गोकुल बैराज से छोड़े गए पानी से यमुना में उफान है। गुरुवार को यह खतरे के निशान के करीब पहुंच गई। हालात को देखते हुए ग्रामीणों को यमुना से दूर रहने की चेतावनी दी गई है। सुबह एसडीएम और बीडीओ ने नियामतपुर में निरीक्षण करने के बाद चौपाल लगाकर ग्रामीणों को जागरूक किया। आपात स्थिति में तुरंत सूचना देने के लिए ब्लाक के अधिकारियों और लेखपालों के फोन नंबर नोट कराए।
तहसील क्षेत्र गांव जटपुरा, फुलेटी, रसूलाबाद, रामगढ़ बझेरा, नगला काले, कुतुकपुर साहब, गार्डन, नगला हरवंश, नगला राजपति, ग्वारई, नियामतपुर समेत अन्य गांव यमुना किनारे बसे हुए हैं। यमुना का जलस्तर बढ़ने पर इन गांवों में पानी घुसने की आशंका सबसे अधिक रहती है। पानी बढ़ने से किसानों की सब्जी व बाजरे की सैकड़ों बीघा फसल बर्बाद हो चुकी है।
ग्रामीण यमुना के दूसरे किनारे पर खेत होने के कारण जान को जोखिम में डालकर ट्यूब के सहारे पशुओं को चारा ला रहे हैं। तलहटी में पानी को लगाए गए इंजन सेट को भी खोलकर सुरक्षित स्थान पर ले जा रहे हैं। ग्रामीणों को डर है कि यदि जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर गया तो आबादी में पानी घुस सकता है। गुरुवार को यमुना खतरे के निशान 152 मीटर से एक मीटर नीचे बह रही थी।
वर्ष 2023 में बाढ़ के कारण ग्वारई, बजहेरा व घुरुकुआ में कई घरों में पानी घुस गया था। घुरुकुआ की ठार में फंसे ग्रामीणों को प्रशासन ने रेस्क्यू कर बाहर निकाला था। सुबह सात बजे एसडीएम अनुराधा सिंह और बीडीओ प्रभात रंजन ने यमुना का निरीक्षण किया।
एसडीएम ने बताया कि बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं। पशुओं के लिए पर्याप्त मात्रा में चारा जमा करने को भी कहा गया है। पशु विभाग की टीम के साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम को भी लगाया गया है। ग्रामीणों सेअपना जरूरी सामान जिसमें शैक्षिक प्रमाण पत्र, आभूषण, नकदी या अन्य जरूरी सामान छोटे बैग में रखने के लिए कहा गया है। जिससे घर छोड़ने की स्थिति में आसानी रहेगी। पशु विभाग की टीम द्वारा गांव में वैक्सीनेशन कराया जा रहा है।
-यमुना का पानी बढ़ने से हमारी फसल पानी में डूब गई है। चारा न हाेने के कारण अब सर्दियों में पशुओं के लिए परेशानी आएगी। विगत वर्ष भी खादर में बोई फसल बर्बाद हो गई थी। -चंदन सिंह, बजहेरा
-यदि यमुना का जल स्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो ग्रामीणों के सामने खाने-पीने का भी संकट खड़ा हो जाएगा। हम लोग सब्जी बेचकर परिवार का पालन पोषण करते हैं। -गोपीचंद्र, गदलपुरा
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