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    फीरोजाबाद में मिला 'दाएं' दिल वाला

    डॉ. राहुल ¨सघई, फीरोजाबाद: इंसान में दिल बाईं तरफ होता है, मगर यह मामला हैरतअंगेज है। डॉक्टर के अनुसार दस करोड़ में एक व्यक्ति ऐसा होता है। जसराना के वेद प्रकाश 50 वसंत में एक भी बार बीमार नहीं हुए। कुछ माह पूर्व परेशानी होने पर डॉक्टर को दिखाया, लेकिन वे कुछ जानकारी नहीं कर पाए। शहर के ट्रॉमा सेंटर में चेकअप कराया तो जाकर यह जानकारी हो सकी। इस पर हर कोई हैरान है।

    By JagranEdited By: Updated: Thu, 09 Aug 2018 11:44 PM (IST)
    फीरोजाबाद में मिला 'दाएं' दिल वाला

    डॉ. राहुल ¨सघई, फीरोजाबाद: इंसान में दिल बाईं तरफ होता है, मगर यह मामला हैरतअंगेज है। यहां एक व्यक्ति का दिल दाहिनी ओर है। शरीर के अन्य आंतरिक अंग भी सामान्य व्यक्ति की अपेक्षा विपरीत (मिरर इमेज) हैं। यह हैं किसान वेदप्रकाश। शहर के सेवार्थ संस्थान ट्रॉमा सेंटर के हार्ट केयर यूनिट में एंजियोग्राफी की टेस्टिंग शुरू की, तो दिल की स्थिति देख चिकित्सक चौंक गए।

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    बीती चार अगस्त को बेचैनी की शिकायत पर ट्रॉमा सेंटर में जसराना के कटैना हर्षा निवासी 50 वर्षीय किसान वेदप्रकाश भर्ती हुए थे। डॉ. जितेंद्र सिंह की निगरानी में दिल की दवा दी, मगर राहत नहीं मिली। पांच अगस्त को एंजियोग्राफी का फैसला लेते हुए कैथ लैब ले जाया गया। हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. जितेंद्र के मुताबिक एंजियोग्राफी के लिए जब हाथ की नस से कैथेटर लगाया, तो काम नहीं कर रहा था, लेकिन स्क्रीन पर धड़कन आ रही थी। एंजियोग्राफी रोककर जब स्क्रीन पर गौर से देखा तो दिल बाईं तरफ न होकर दाईं तरफ था। कैथ लैब में दाईं तरफ दिल तक जाने के लिए कोई कैथेटर नहीं था, इसलिए मोल्ड कर राइट साइड किया गया। इसके बाद दाहिने पैर की नस से कैथेटर डालकर दिल तक पहुंचाया। डॉ. ¨सह के मुताबिक दाईं तरफ दिल का मामला उनके और उनकी टीम के कैरियर में पहली बार सामने आया था, इसलिए अति सावधानी बरतनी पड़ी। किसी तरह ब्लॉकेज खोजा गया। वेदप्रकाश के दिल की लेफ्ट इंटीरियर डिसएं¨डग नर्व में ब्लॉकेज था, जो 50 फीसद खून की सप्लाई करती है। ऑपरेशन के बाद वेदप्रकाश बेहतर हैं। वेद प्रकाश के अंग मिरर इमे¨जग हैं। ऐसा केस 10 करोड़ लोगों में एक होता है।

    डॉ. जितेंद्र सिंह

    सेवार्थ संस्थान, ट्रोमा सेंटर, फीरोजाबाद

    -10 करोड़ में एक व्यक्ति होता दाईं ओर दिल वाला

    50 वर्षीय वेद प्रकाश का केस देखकर चौंके डॉक्टर

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    क्या कहती है मेडिकल साइंस.. - ऐसे केस में बचपन में कई बीमारियां होती हैं, बच्चे का बचना मुश्किल होता है।

    - बड़े ऑपरेशन करने होते हैं, इसके बाद भी सामान्यत: अधिकतम आयु 20 से 30 वर्ष होती है।