रात में अचानक पहुंच गई पुलिस और बंद कराया रामलीला मंचन, मेले में मच गई अफरा-तफरी; टूंडला की राम बरात पर संशय
फिरोजाबाद के टूंडला में हाईकोर्ट के आदेश के बाद रामलीला का मंचन प्रशासन ने रुकवा दिया। इस कार्रवाई से रामलीला मेले में अफरा-तफरी मच गई और राम बारात पर भी संशय छा गया है। हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों ने इस कार्रवाई का विरोध किया है। कमेटी पर स्कूल परिसर पर कब्जे का आरोप है जिसके चलते कोर्ट ने यह आदेश दिया।

जागरण टीम, फिरोजाबाद। हाई कोर्ट के आदेश पर सोमवार देर रात प्रशासन ने टूंडला में रामलीला का मंचन रुकवा दिया। जिससे रामलीला मेले में अफरातफरी मच गई। प्रशासन की इस कार्रवाई से मंगलवार को शहर में निकलने वाली राम बरात पर भी संशय हो गया है। वहीं हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों ने रोष जताया है।
स्कूल परिसर पर कब्जे के प्रयास का आरोप, हाई कोर्ट के आदेश पर हुई कार्रवाई
स्टेशन रोड पर थाने के निकट मैदान में सौ वर्षों से रामलीला मेले का आयोजन हो रहा है। सोमवार को धनुष यज्ञ की लीला का मंचन हो रहा था। इसी दौरान वहां पहुंची तहसीलदार राखी शर्मा और सीओ ने न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए मंचन बंद करा दिया। उस समय धनुष टूटने के बाद परशुराम-लक्ष्मण संवाद की लीला हो रही थी। इससे पात्रों के साथ ही कमेटी के पदाधिकारियों और दर्शकों में अफरातफरी मच गई।
रामबरात पर भी संशय, हिंदू संगठनों के पदाधिकारियों में रोष
कमेटी अध्यक्ष कृष्ण हरेंद्रपाल सिंह परमार ने बताया कि सांवले प्रसाद रोड निवासी प्रदीप राणा ने उच्च न्यायालय में रामलीला के विरोध में याचिका डाली थी। इसमें आरोप लगाया है कि कमेटी द्वारा परिषदीय स्कूल परिसर पर कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं लीला के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। जबकि ये गलत है। लीला सौ वर्षों से हो रही है। प्रशासन ने हाई कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए लीला बंद करा दी है। इस मामले में तहसीलदार का कहना हैं कि न्यायालय के आदेश का पालन कराया जा रहा है।
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