सलाखों में सुरों के सरगम पर थिरक रहे बंदी
जेल में रेडियो पर सुनाए जा रहे फरमाइशी गाने जॉकी बना बंदी बंदियों की तनाव भरी जिंदगी में रेडियो कम्युनिटी घोल रही मिठास।
कार्तिकेय नाथ द्विवेदी, फिरोजाबाद:
इन दिनों दर्द भरी फरमाइश पर सुहागनगरी की जेल में संगीत के सुर गूंज रहे हैं। यहां बंदी गानों की फरमाइश कर रहे हैं तो जेल में जाकी बनें बंदी पसंदीदा गानों को बजाकर उनका दिल बहला रहे हैं। अधिकतर बंदियों की फरमाइश दर्द भरे गाना सुनने की रहती हैं। कोई दुनियां बनाने वाले क्या तेरे मन में समाई.. तो किसी को दिल तोड़ कर हंसती हो मेरा.. सुनना अच्छा लगता है।
जेल में रहने वाले बंदियों के जीवन से तनाव दूर करने को जेल में रेडियो कम्युनिटी बनाई गई है। सभी 19 बैरकों में साउंड सिस्टम लगे हैं। बाकायदा बंदी रेडियो जॉकी के पास अपनी फरमाइश लिख कर भेजते हैं। यहां सुबह-शाम भजन ओर कीर्तन और दिन में फरमाइशी गाने बंदियों का मनोरंजन करते हैं। शाम छह बजे आरती के बाद कम्युनिटी रेडियो बंद हो जाता है। प्रभारी अधीक्षक आनंद कुमार ने बताया कि कैदी दिलीप कुमार रेडियो जाकी हैं, वह एंकरिग कर बंदियों को भजन और गाने सुनाते हैं। फरमाइशी गाने डाउनलोड कर सुनाए जाते हैं। भजन-संगीत बंदियों को तनावमुक्त कर रहा है।
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- कागज पर लिख कर बंदी करते हैं गानों की फरमाइश
प्रभारी अधीक्षक ने बताया कि बंदी कागज पर अपनी फरमाइश लिख कर देते हैं, जिसे रेडियो रूम तक पहुंचाया जाता है। रेडियो जाकी फरमाइश करने वाले बंदी के नाम की घोषणा के साथ गाने सुनवाते हैं। सजायाफ्ता है रेडियो जॉकी
रेडियो जाकी 30 वर्षीय दिलीप कुमार निवासी नगला मान सिंह सिरसागंज हत्या के मामले में 2014 को जेल में बंद है। उसे आजीवन कारावास की सजा मिली हुई है।
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जिला कारागार एक नजर में
बैरक- 19
- जेल की क्षमता 855 बंदियों की।
- कुल बंदी-कैदी- 1863
- पुरुष बंदी- 1663
- महिला बंदी- 100
- किशोर बंदी- 100
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कम्युनिटी रेडियो सेवा का मतलब बंदियों को तनावमुक्त बनाना हैं। ताकि वे भी स्वयं को समाज की मुख्य धारा से जुड़ा महसूस कर सकें और जेल से निकलने के बाद वे आपराधिक प्रवृत्तियों से दूर रह सकें।
आनंद कुमार, प्रभारी अधीक्षक, जिला कारागार
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