नई व्यवस्था : जनपद के 130 गांवों में जन सेवा केंद्र शुरू
बहजोई गांवों को डिजिटल बनाने की पहल तेज है। अब जनसेवा केंद्रों की आइडी दूसरे जगह नहीं
बहजोई: गांवों को डिजिटल बनाने की पहल तेज है। अब जनसेवा केंद्रों की आइडी दूसरे जगह नहीं चल सकेगी। ई-डिस्ट्रिक्ट बंद होने के बाद नए सिरे से शुरू हो रहे जनसेवा केंद्रों का संचालन भौगोलिक सत्यापन के बाद ही हो सकता है। ऑनलाइन निगरानी भी होगी।
डिजिटल भारत अभियान के अंतर्गत गांवों में अब तक ई डिस्टिक सेवा थी। तहसील पर बनने वाले आय प्रमाण-पत्र, जाति प्रमाण-पत्र, निवास प्रमाण-पत्र के अलावा ग्रामीणों के लिए जरूरतमंद अभिलेख और खतौनी जैसे प्रपत्र दिए जाते थे, जिसमें लगातार शिकायतें आती रहती थी कि ई-डिस्ट्रिक्ट की आईडी का संचालन करने वाले अधिकतर संचालक जिस ग्राम पंचायत का पंजीकरण कराते हैं, वह अपना काम या दुकान का संचालन किसी दूसरे स्थानों पर करते हैं।ऐसे में लोगों को लोकवाणी केंद्र पर जाना पड़ता था। अब जबकि इसे संचालित करने वाली कंपनी का टेंडर 15 दिसंबर को खत्म हो गया तो सरकार ने नई कंपनी को जिम्मेदारी दी। जिला विज्ञान सूचना कार्यालय ने सभी 556 ग्राम पंचायतों को यूजर आइडी जारी कर दिया। जिनके नाम आइडी रहेगी वह उसी गांव में इसे चलाएंगे। लोकेशन ऑनलाइन प्रदर्शित हो जाएगी। अब तक 130 से अधिक ग्राम पंचायतों में जन सेवा केंद्र शुरू हो चुका है। -----------
साथी पोर्टल भी बेहतर माध्यम
बहजोई: जनसेवा केंद्र के माध्यम से अगर आप किसी भी ई-सुविधा या फिर किसी भी प्रमाण पत्र के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं तो साथी पोर्टल पर भी सुविधाओं का लाभ ले सकता है, जहां आय, जाति व निवास प्रमाण पत्र के अलावा खतौनी जैसे अभिलेख और अन्य प्रमाण पत्रों के लिए आवेदन किया जाता है। जिसमें एक मोबाइल नंबर से अधिकतम 10 आवेदन किए जा सकते हैं।
---------------
कोट-
सभी 556 ग्राम पंचायतों को जन सेवा केंद्र की यूजर आइडी बन चुकी है। 130 शुरू जो चुकी है, जिसमें पहले आओ पहले पाओ के हिसाब से आवेदकों को मौका दिया जा रहा है। कोई भी केंद्र संचालक एक पंचायत की आइडी को दूसरी पंचायत या अन्य नगर के क्षेत्र में नहीं चला सकेगा।
प्रभात मिश्रा, प्रभारी जिला विज्ञान सूचना अधिकारी, सम्भल।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।