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    दो बीघा जमीन के विवाद में ताऊ की हत्या: भतीजे को उम्रकैद, 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया

    Updated: Sat, 06 Dec 2025 11:54 AM (IST)

    फिरोजाबाद की एक अदालत ने दो बीघा जमीन के विवाद में अपने ताऊ की हत्या करने वाले भतीजे को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोषी रामू सिंह ने 2020 में अपने ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, फिरोजाबाद। न्यायालय ने दो बीघा जमीन की खातिर कुल्हाड़ी से हमला कर ताऊ की हत्या करने के दोषी भतीजे को शुक्रवार को आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड जमा न करने पर उसे एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। घटना जसराना थाना क्षेत्र के पचवा गांव में एक जून 2020 की दोपहर में हुई थी।

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    घर के बाहर एक जून 2020 को दोपहर में कुल्हाड़ी से हमला कर की थी हत्या

    पचवा निवासी वादी दीपक राघव ने थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि उसके बाबा राजबहादुर सिंह ने अपने हिस्से की जमीन में से एक जून 2020 को दो बीघा जमीन उसके नाम किया था, जिसका विरोध उनके सगे भतीजे रामू सिंह ने तहसील में बैनामा के समय किया था। तहसील से जब वह घर लौटे तो बाबा को बाहर वाले कमरे में खाना खिला कर लिटा दिया, थोड़ी देर बाद दोपहर 2.30 बजे चीख पुकार होने पर वह अपनी पत्नी और पिताजी के साथ कमरे में से बाहर आए तो देखा कि रामू सिंह कुल्हाड़ी से बाबा राजबहादुर सिंह पर प्रहार कर रहा था। लोगों को बाहर आते देख वह भाग गया।

    जसराना थाना क्षेत्र का मामला, कोर्ट ने दोषी पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया

    बाबा की मृत्यु हो गई थी। विवेचक ने रामू सिंह के विरुद्ध आरोप पत्र कोर्ट में प्रस्तुत किया। मामले की सुनवाई एडीजे एवं त्वरित न्यायालय कोर्ट संख्या-दो के न्यायाधीश विमल वर्मा की कोर्ट में हुई। अभियाेजन की तरफ से एडीजीसी क्राइम अजय कुमार यादव ने पक्ष रखा। न्यायालय ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्क, साक्ष्य और गवाहों के बयान के आधार पर रामू सिंह को दोषी ठहराया। एडीजीसी ने बताया कि राजबहादुर के हिस्से में 15-16 बीघा जमीन थी। जिसमें पांच बीघा जमीन पहले ही दीपक को रजिस्ट्री कर दिए थे। घटना वाले दिन भी दो बीघा जमीन रजिस्ट्री की थी। इसी खुन्नस में भतीजे रामू सिंह ने हत्या की थी।