विद्युत विभाग के निजीकरण का विरोध, विधानसभा में बोले जसराना सपा विधायक सचिन यादव ये जनहित में नहीं
फिरोजाबाद के जसराना से सपा विधायक सचिन यादव ने विधानसभा में विद्युत विभाग के प्रस्तावित निजीकरण का कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि विद्युत विभाग गरीब ...और पढ़ें

सपा विधायक सचिन यादव।
जागरण संवाददाता, फिरोजाबाद। जसराना के समाजवादी पार्टी के विधायक ने विद्युत विभाग के प्रस्तावित निजीकरण का विधानसभा में कड़ा विरोध किया है। उन्होंने कहा कि विद्युत विभाग गरीबों, किसानों, एससी, पिछड़ों और आम जनता की जीवनरेखा है। इसका निजीकरण जनहित में नहीं है।
प्रस्तावित योजना का किया विरोध, कहा ये जनहित में नहीं
विधायक इं. सचिन यादव ने सोमवार को विधानसभा में बोलते हुए कहा कि प्रदेश में विद्युत विभाग तीन करोड़ घरों, 50 लाख दुकानों और उद्योगों और 15 लाख किसानों को बिजली पहुंचाने का काम कर रहा है। सरकार विभाग को घाटे में बताकर भ्रम फैला रही है। सच्चाई यह है कि विभाग सब्सिडी के बाद भी मुनाफे में है। जबकि सरकारी विभागों से बकाया बड़ी धनराशि अभी प्राप्त की जानी है।
सचिन यादव ने पूछा, वित्तीय स्थिति मजबूत तो निजीकरण की जरूरत क्यों
सपा विधायक ने सवाल उठाया कि जब विभाग की वित्तीय स्थिति मजबूत है, तो निजीकरण की जरूरत क्यों पड़ रही है? इससे कर्मचारियों और इंजीनियरों की नौकरियों पर खतरा मंडराने लगेगा। सरकार का यह कदम रोजगार विरोधी और सामाजिक न्याय के खिलाफ है।
इन राज्यों का दिया उदाहरण
विधायक ने ओडिशा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और बिहार के उदाहरण देते हुए कहा कि बिजली वितरण के निजीकरण के प्रयोग वहां विफल रहे। जनता को महंगी बिजली तथा खराब सेवाएं मिलीं। प्रदेश के नोएडा और आगरा में हुए निजीकरण से भी प्रदेश सरकार को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। आरोप लगाया कि सरकार उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए निजीकरण की ओर बढ़ रही है।

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